सवर्ण आरक्षण के बाद केंद्र सरकार का एक और बड़ा दांव
नई दिल्ली। आगामी लोकसभा चुनाव में अब कुछ ही महीनों का समय बचा है, ऐसे में केंद्र सरकार एक के बाद एक कई बड़े फैसले ले रही है, जिससे कि एक बार फिर से मोदी सरकार की सत्ता में वापसी हो सके। पहले गरीब सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण तो अब गरीब बुजुर्गों और विधवा महिलाओं की पेंशन को बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है। ग्रामीण विकास मंत्रालय ने ने गरीब बुजुर्ग, दिव्यांग और विधवा महिलाओं की मासिक पेंशन को बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है। इन लोगों की मासिक पेंशन को 200 रुपए से बढ़ाकर 800 रुपए तक किए जाने का प्रस्ताव दिया गया है। साथ ही जिन बुजुर्ग लोगों की आयु 80 वर्ष से अधिक है उनकी पेंशन को 500 रुपए से बढ़ाकर 1200 रुपए तक किए जाने का प्रस्ताव दिया गया है।
प्रस्ताव पर विचार किया जा रहा
मंत्रालय की ओर से प्रस्ताव सरकार को दे दिया गया है, ऐसे में अगर इस प्रस्ताव को लागू किया जाता है तो सरकार पर 18000 करोड़ रुपए का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। माना जा रहा है कि 1 फरवरी को पेश होने वाले अंतरिम बजट में केंद्र सरकार इसे शामिल कर सकती है। ग्रामीण विकास मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस प्रस्ताव पर विचार किया जा रहा है और इसे लागू करने की संभावनाओं पर चर्चा की जा रही है। ऐसे में अगर इस प्रस्ताव का ऐलान होता है तो मंत्रालय कैबिनेट में इसे लेकर जाएगा।
ग्रामीण भारत पर अधिक जोर
इसके साथ ही इस योजना में अतिरिक्त लोगों को शामिल किए जाने पर भी विचार किया जा रहा है। राज्य सरकारों से भी इसे लेकर चर्चा की जा रही हैजिससे कि केंद्र के अलावा राज्यों में भी लोगों को इस योजना का लाभ मिल सके। जिस तरह से हाल ही में कई विधानसभा चुनाव में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा है उसके बाद माना जा रहा है कि केंद्र सरकार ग्रामीण भारत में भी इस योजना को लागू करने पर विचार कर रही है। लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार तमाम गरीबों से जुड़ी योजनाओं, किसानों से जुड़ी योजनाओं को लागू करना चाहती है।
3000 करोड़ का अतिरिक्त बोझ
मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि पेंशन को 800 रुपए से बढ़ाकर 1200 रुपए किए जाने के लिए अतिरिक्त 3000 करोड़ रुपए की आवश्यकता होगी। आपको बता दें कि 2018 के अपने बजट भाषण में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा था कि सरकार गरीबों की सामाजिक सुरक्षा के लिए कई कार्यक्रमों को शुरू कर रही है जिससे कि गरीब बुजुर्ग, विधवा, अनाथ बच्चों, दिव्यागोंं को अधिक से अधिक लाभ मिल सके।
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