सरकार ने लोकपाल बिल के नाम पर धोखा दिया: अन्ना हजारे
उन्होंने
कहा
कि
विधेयक
को
संसद
के
मौजूदा
सत्र
में
पारित
किया
जाना
चाहिए।
वह
तब
तक
भूख
हड़ताल
करेंगे
जब
तक
कि
विधेयक
पारित
नहीं
हो
जाता।
इस
बार
अन्ना
ने
अहमदनगर
के
रालेगण
सिद्धि
गांव
में
स्थित
यादवबाबा
मंदिर
के
समीप
अनशन
करने
की
योजना
बनाई
है।
अन्ना
ने
कहा
कि
रामलीला
मैदान
के
अनशन
के
दौरान
प्रधानमंत्री
ने
लिखित
वादा
किया
था
और
वह
अपने
वादे
से
मुकर
गए।
अन्ना ने कहा कि प्रधानमंत्री कार्यालय केवल पत्र लिखकर आश्वासन देता है। कोई ठोस कार्रवाई नहीं होती है। आश्वासन बहुत हुए अब करेंगे या मरेंगे। उन्होंने कहा कि लोगों में सरकार के प्रति गुस्सा है, जो कि कल घोषित हुए चार राज्यों के विधानसभा परिणामों से जाहिर हो गया है। हार के कई कारण होंगे, लेकिन लोकपाल न लाना कांग्रेस की हार का एक मुख्य कारण है।
अगर शीतकालीन सत्र में भी विधेयक पास नहीं होता है तो आने वाले लोकसभा चुनाव में जनता उसे सबक सिखाएगी। उसे हाल में संपन्न विधानसभा चुनावों से भी ज्यादा गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे। अन्ना ने कहा कि पिछली बार सरकार ने मुझे लिखित आश्वसान दिया, इस वजह से मैंने अपना अनशन खत्म कर दिया था।
मुझे नहीं मालूम था कि सरकार धोखाधड़ी करेगी। सरकार ने अपने लिखित आश्वासन का दो साल गुजरने के बाद भी पालन नहीं किया। जब वह दंगा विधेयक को इसी सत्र में पास करने के लिए आतुर है, तो वह ऐसी ही इच्छाशक्ति लोकपाल विधेयक को पारित करने के मामले में क्यों नहीं दिखा रही है।