2 अक्टूबर से इस मांग को लेकर लेकर अन्ना करेंगे भूख हड़ताल
नई दिल्ली। समाजसेवी अन्ना हजारे किसानों को पेंशन, लोकपाल बिल समेत अन्य मांग को लेकर 2 अक्टूबर से भूख हड़ताल पर बैठेंगे। अन्ना हजारे चाहते हैं कि किसानों को 5000 रुपए की मासिक पेंशन दी जाए, लिहााज इस मांग को लेकर वह 2 अक्टूबर से भूख हड़ताल करेंगे। साथ ही अन्ना हजारे चाहते हैं कि सरकार स्वामिनाथन कमीशन की सिफारिशों को लागू करे, जिससे कि पिछले कई सालों से आर्थिक तंगी से जूझ रहे किसानों को इससे उबारा जा सके।
5000 रुपए मासिक पेंशन की मांग
अन्ना हजारे के सहयोगी ने कहा कि सरकार ने हमारी कई अपील के बाद भी मांगों को स्वीकार नहीं किया है, हजारे चाहते हैं कि हर किसान को देश में 5000 रुपए मासिक पेंशन मिले। अन्ना हजारे अपने गांव रालेगढ़ सिद्धी से ही महात्मा गांधी के जन्मदिन पर अनशन की शुरुआत करेंगे। आपको बता दें कि इससे पहले अन्ना हजारे मार्च माह में दिल्ली में अनशन पर बैठे थे, लेकिन जब उन्हें इस बात का भरोसा दिया गया था कि सरकार उनकी मांगों को लेकर आवश्यक कदम उठाएगी तो उन्होंने यह अनशन खत्म कर दिया था। उस वक्त अन्ना हजारे ने कहा था कि अगर छह महीने के भीतर उनकी मांगों पर काम नहीं किया जाता है तो वह फिर से आंदोलन करेंगे।
मार्च में किया था अनशन
हजारे की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि लोकपाल और लोकायुक्त की नियुक्ति की मांग जल्द से जल्द पूरी होनी चाहिए जिससे कि लोगों को भ्रष्टाचार के खिलाफ जल्द से जल्द न्याय मिल सके। साथ ही स्वामीनाथन कमीशन की रिपोर्ट की सिफारिशों को लागू किया जाए, जिसके तमाम अपील के बाद भी स्वीकार नहीं किया गया है। लेकिन इन तमाम मांगो को नहीं मानने की वजह से अनशन पर बैठने के लिए अन्ना हजारे मजबूर हैं। दिल्ली में रामलीला मैदान में अनशन के वक्त महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने केंद्र सरकार के प्रतिनिधि के तौर पर कहा था कि एनडीए सरकार इनकी मांगों को लेकर सकारात्मक कदम उठाएगी।
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2004 में हुआ था कमेटी का गठन
आपको बता दें कि स्वामीनाथन कमेटी का गठन 2004 में किया गया, जिससे कि किसानों की मुश्किलों का समाधान निकाला जा सके। स्वामीनाथन कमेटी ने पांच रिपोर्ट दिसंबर 2004 से अक्टूबर 2006 के बीच दी थी। जिसमे किसानों की मुश्किल को खत्म करने के लिए अलग-अलग सुझाव दिए गए थे। आपको बता दें कि अन्ना हजारे लोकपाल के लिए पहली बार 2011 में 12 दिन के लिए अनशन पर बैठे थे। उस वक्त अरविंद केजरीवाल, किरण बेदी समेत तमाम नेता उनके साथ इस आंदोलन में शामिल हुए थे।
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