प्रेस कांफ्रेंस में अन्ना हजारे ने पढ़ी 'ममता चालीसा'
अन्ना ने अपनी कुछ शर्तों का उल्लेख करते हुए कहा कि राजनीतिक दल कोई भी योजना बनाएं, वह गांवों को ध्यान में रखकर बनी हो। हम चाहते हैं कि सरकार महत्वपूर्ण कामों से जुड़ी फाइलों को दो साल बाद सार्वजनिक कर दे। किसान की जमीनों का अधिग्रहण न किया जाए। देश में आज आम जनता की ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है, सिर्फ पूंजीपतियों के लिए काम किया जा रहा है। हम चाहते हैं कि राइट टू रिजेक्ट और राइट टू रिकॉल बिल लाए जाएं।
वहीं ममता ने कहा कि हमने एफडीआई का विरोध इसलिए किया कि हम आम दुकानदारों की कमाई को खतरे में नहीं डालना चाहते थे। आज देश को राजनीतिक और आर्थिक रूप से स्थिरता देने वाली सरकार चाहिए। उन्होने कहा कि देश का प्रधानमंत्री कौन होगा, इसका फैसला चुनाव बाद तय होगा।
ममता ने कहा कि देश में एक विश्वसनीय और मजबूत सरकार की जरूरत है। अन्ना ने एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि मैं न तो अरविंद केजरीवाल का समर्थन करूंगा और न ही नरेंद्र मोदी। मैं केजरीवाल के खिलाफ नहीं हूं, मैं कोई झगड़ा फसाद नहीं चाहता। अन्ना ने सवाल जवाब के दौरान ममता बनर्जी को परोक्ष रूप से प्रधानमंत्री पद के लिए योग्य शख्सियत करार दिया।