मोदी सरकार ने अगर अपना वादा ना निभाया तो लौटा दूंगा पद्मभूषण पुरस्कार: अन्ना हजारे
नई दिल्ली। पिछले 5 दिनों से केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ अनशन पर बैठे सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने अपना पद्मभूषण पुरस्कार लौटाने की धमकी दी है। उन्होंने कहा कि वे 8 या 9 तारीख को राष्ट्रपति को अपना ये पुरस्कार लौटा देंगे। उन्होंने कहा कि समाज और देश सेवा के लिए ये पुरस्कार मुझे दिया गया था लेकिन अगर देश की ऐसी हालत है तो मेरा मेरा मन कहता है कि मैं इस पुरस्कार का क्या करूं। मैं ये पुरस्कार किसी से मांगने तो नहीं गया था। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने आम जनता के विश्वास को तोड़ा है।
गौरतलब है कि अन्ना हजारे बुधवार से अहमदनगर जिले में स्थित अपने पैतृक गांव रालेगण सिद्धि में अनशन पर हैं। वे केंद्र में लोकपाल और महाराष्ट्र में लोकायुक्त की तत्काल नियुक्ति और किसानों के मुद्दों के समाधान के लिए ये अनशन कर रहे हैं। एनडीए गठबंधन में बीजेपी के साथी दल शिव सेना ने इस अनशन का समर्थन किया है और उनकी मांगों को जायज बताया है। अनशन को लेकर अन्ना ने कहा है कि अगर मुझे कुछ भी होता है तो लोग पीएम मोदी को ही इसका जिम्मेदार ठहराएंगे।
बता दें कि इससे पहले अन्ना की इन मांगों का समर्थन करते हुए लगभग 110 प्रदर्शनकारियों ने रालेगण सिद्धि से 38 किलोमीटर दूर परनार तहसील क्षेत्र के गांव सूपा में अहमदनगर- पुणे हाईवे को जाम कर दिया था। इस दौरान दोनों तरफ वाहनों की 6-6 किलोमीटर लंबी लाइन लगी रही। कई घंटों के बाद पुलिस ने जाम खुलवाया। लोकपाल को लेकर अन्ना की ये तीसरी हड़ताल है। तीसरी बार अनशन शुरू करने से पहले अन्ना ने कहा था कि- 'लोकपाल कानून को बने हुए 5 साल हो गए और नरेंद्र मोदी सरकार 5 साल बाद भी इसे लागू नहीं करा पाई, बार-बार बहानेबाजी करती है। अगर नरेंद्र मोदी सरकार के दिल में इसे लागू कराने का इरादा होता तो क्या पांच साल में यह लागू नहीं होता।'
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