लोकपाल की मांग को लेकर अन्ना का अपने गांव में 30 जनवरी से अनशन
नई दिल्ली। सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे लोकपाल नियुक्ति को लेकर सरकार को कई बार अल्टीमेटम दे चुके हैं। लेकिन कई बार अल्टीमेट देने के बाद सरकार द्वारा उनकी बात पर ध्यान ना देने से नाराज अन्ना हजारे 30 जनवरी 2019 को लोकपाल और लोकायुक्त की मांग करते हुए महाराष्ट्र के रालेगन सिद्धी में विरोध प्रदर्शन करेंगे।
अन्ना हजारे ने दिंसबर की शुरुआत में कहा था कि अगर अगले साल 30 जनवरी तक लोकपाल नियुक्त नहीं होता है तो वह अपने गांव में भूख हड़ताल पर बैठ जाएंगे। प्रधान मंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह को पत्र लिखते हुए अन्ना हजारे ने एनडीए सरकार पर केंद्र में लोकपाल और राज्यों में लोकायुक्त की नियुक्ति को लेकर बहानेबाजी का आरोप लगाया है।
हजारे ने कहा था कि नरेंद्र मोदी सरकार ने पहले कहा कि लोकसभा में विपक्ष में कोई वरिष्ठ नेता ना होने के कारण लोकपाल नियुक्त नहीं किया जा सकता (जो नियुक्त प्रक्रिया का हिस्सा है) और बाद में कहा कि चयन समिति में कोई प्रतिष्ठित न्यायवादी नहीं है।
उन्होंने कहा कि वह इस साल 23 मार्च को रामलीला मैदान में भूख हड़ताल पर बैठे थे, लेकिन पीएमओ के उनकी मांग पूरी करने के लिखित में आश्वासन देने के बाद उन्होंने हड़ताल खत्म कर दी थी। हजारे ने कहा कि उन्होंने फिर दो अक्टूबर तक का समय दिया। जब अन्ना को 2 अक्टूबर को अपने गांव रालेगण सिद्धि से आंदोलन शुरू करना था, जब महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और अन्य नेताओं ने फिर आश्वासन दिया कि लोकपाल और लोकायुक्तों की नियुक्ति की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। जिसके बाद उन्होंने 30 जनवरी तक का समय दिया था।
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