भारतीय मूल की पहली सिख लड़की अनमोल नारंग यूएस मिलिट्री एकेडमी से हुई ग्रेजुएट,संभालेंगी सेकेंड लेफ्टिनेंट का पद
भारतीय मूल की पहली सिख लड़की, अनमोल नारंग यूएस मिलिट्री एकेडमी से हुई ग्रेजुएट, अब संभालेंगी सेकंड लेफ्टिनेंट का पद
नई दिल्ली। महिला शक्ति ने हर क्षेत्र में अपना परचम फहराया हैं। शनिवार को अमेरिका की सरजमीं पर भारतीय मूल की लड़की पे नारी शक्ति का लोहा मनवाया। दरअसल, अमेरिकी मिलिट्री एकेडमी से इतिहास में पहली बार किसी भारतीय मूल की सिख लड़की ने ग्रेजुएट की डिग्री हासिल कर सेकेन्ड लेफिनेन्ट का पद संभालने जा रही हैं।
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बता दे सेकेंड लेफ्टिनेंट अनमोल नारंग अमेरिकी मिलिट्री एकेडमी से ग्रेजुएट होने वाली पहली सिख होंगी। नारंग वेस्ट प्वॉइंट मिलिट्री एकेडमी से न्यूक्लियर इंजीनियरिंग में चार साल की डिग्री पूरी की है। नारंग एयर डिफेंस सिस्टम के क्षेत्र में काम करना चाहती हैं। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की मौजूदगी में शनिवार को उनकी ग्रेजुएशन सेरेमनी होगी। इसके बाद नारंग को ओक्लोहोमा के फोर्ट सिल में बेसिक ऑफिसर लीडरशिप कोर्स (बीओएलसी) भी करना होगा। जिसके बाद ये अमेरिकी एयरफोर्स ज्वॉइन करेंगी। नारंग की पहली पोस्टिंग जनवरी 2021 में जापान के ओकीनावा में होगी जहां अमेरिकी एयरबेस है।
जार्जिया में जन्मीं नारंग के दादा भारतीय सेना में थे
जार्जिया के सिख परिवार में जन्मीं नारंग की शुरुआती पढ़ाई भी जार्जिया में हुई। नारंग का परिवार दो पीढ़ियों से जार्जिया में रह रहा है। उनके दादा भारतीय सेना में थे, यहीं कारण था कि नारंग बचपन से ही आर्मी में कॅरियर बनाना चाहती थीं। नारंग जब हाईस्कूल में थीं तो उनका परिवार हवाई में पर्ल हॉर्बर नेशनल मेमोरियल देखने गया था। इसके बाद से ही उन्होंने वेस्ट प्वॉइंट मिलिट्री एकेडमी में अप्लाई करने की तैयारी शुरू कर दी थी। उनकी मेहनत और लगन रंग लाई और आज नारंग ने ये उपलब्धि हासिल की।
नारंग
ने
खुशी
जाहिर
करते
हुए
कही
ये
बात
नारंग
ने
अमेरिकी
एनजीओ
सिख
कोलिशन
से
कहा-
मैं
वेस्ट
प्वॉइंट
एकेडमी
से
ग्रेजुएशन
पूरा
करके
काफी
खुश
हैं।
अपना
सपना
पूरा
होने
पर
सम्मानित
महसूस
कर
रही
हूं।
जॉर्जिया
के
सिख
समुदाय
ने
आगे
बढ़ने
में
मदद
की।
मेरा
आत्मविश्वास
बढ़ाया।
यह
मेरे
लिए
काफी
मायने
रखता
है।
इस
लक्ष्य
को
हासिल
कर
मैं
दूसरे
अमेरिकी
सिखों
को
रास्ता
दिखा
रही
हूं
कि
वे
किसी
भी
क्षेत्र
में
कॅरियर
बना
सकते
हैं।
अभी
तक
क्यों
नहीं
होती
थी
भर्ती
बता
दें
1987
में,
यूएस
कांग्रेस
ने
एक
कानून
पारित
किया,
जिसने
मिलिट्री
में
सिखों
और
कई
अन्य
धार्मिक
समुदायों
को
सैन्य
में
भर्ती
पर
प्रतिबंध
लगा
लिया।
सिखों
से
कहा
गया
कि
सिख
समुदाय
के
लोग
न
तो
दाढ़ी
रख
सकते
हैं
और
न
ही
पगड़ी
पहन
सकते
हैं।
जिस
कारण
सिख
संगठन
ने
कई
ह्यूमन
राइट
समूहों
के
साथ
मिलकर
पिछले
10
से
अधिक
वर्षों
से
अमेरिकी
सशस्त्र
बलों
में
सिख
अमेरिकियों
के
लिए
अवसर
की
समानता
सुनिश्चित
करने
के
लिए
एक
अभियान
चलाया।
सिख
समुदाय
ने
कहा
कि
अब
नारंग
की
काबिलियत
को
देखते
हुए
इस
अनुकरणीय
सेवा
के
लिए
चुनकर
बहुत
ही
सराहनीय
पहल
की
हैं
और
विविधता
में
एकता
का
परिचय
देते
हुए
अमेरिकी
सेना
जो
देश
की
प्रमुख
ताकत
हैं।