गधों की संख्या में आई भारी गिरावट, जानिए देश में कितनी है इनकी कुल संख्या
नई दिल्ली। भारत में पशुधन पर की गई ताजा गणना के बाद जो आंकड़े आए हैं, उनके मुताबिक, 2012 की तुलना में भारत में पशुधन आबादी बढ़कर 53 करोड़ 57.8 लाख हो गई है। इस रिपोर्ट के मुताबिक, देश में गधों की संख्या में 61 फीसदी तक गिरावट आई है। जबकि देश में गौवंश, भैंस, मुर्गे, मुर्गियों, भेड़-बकरियों की संख्या में इजाफा हुआ है।
गधों की संख्या पहले के मुकाबले 61.23 फीसदी घटी
रिपोर्ट में बताया गया है कि गधों की संख्या पहले के मुकाबले 61.23 फीसदी घटी है। जबकि ऊंट की आबादी 37.1 घटकर महज 2.5 लाख रह गई है। ये पशुधन गणना देश के 6 लाख से ज्यादा गांवों में की गई थी। इसके अलावा इस गणना में 89 हजार शहरों को भी शामिल किया गया। इसके बाद पशुगणना रिपोर्ट जारी की गई है। देश में गौवंश की संख्या 19.2 करोड़, गायों की संख्या 14.5 करोड़, बैल-सांड की संख्या 4.7 करोड़ है।
गायों की संख्या में इजाफा
वहीं, रिपोर्ट के मुताबिक, भैंस की संख्या 10.9 करोड़, बकरी की संख्या 14.8 करोड़ है। वहीं, भेड़ों की संख्या 7.4 करोड़, सूअर की संख्या 90 लाख, घोड़े 3.4 करोड़, ऊंट 2.5 लाख हैं। खच्चर 84 हजार और गधे 1.2 लाख हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2012 में 3.2 लाख गधे थे। इस तरह इनकी संख्या में करीब 61 फीसदी कमी आई है। बैल-सांड की संख्या पहले 6.7 थी। हालांकि, देसी नस्ल का गौवंश पहले 15.1 करोड़ था, जो अब 14.2 करोड़ है।
पश्चिम बंगाल में पशुधन संख्या में सबसे अधिक वृद्धि
गौवंश की संख्या 19.2 करोड़, गायों की संख्या 14.5 करोड़ है और देसी बैल या सांड की संख्या 4.7 करोड़ है। विदेशी ब्रीड का गौवंश 3.9 से बढ़कर 5 करोड़ हो गया है। जबकि सभी नस्ल की गाय की संख्या 18 फीसदी बढ़ी है, पर बैल या सांड की संख्या में 30 फीसदी की कमी आई है। साल 2019 की पशुधन गणना में 80 हजार लोगों का स्टाफ काम में जुटा था। राज्यों की बात करें तो पश्चिम बंगाल में पशुधन संख्या में सर्वाधिक 23.32 फीसदी वृद्धि हुई है। इसके बाद तेलंगाना (22.21), आंध्र प्रदेश (15.79), बिहार (10.67), मध्य प्रदेश (11.81) का स्थान है।