अनिल अम्बानी के बेटे ने लॉकडाउन पर सरकार को घेरा, बताया एक बड़ी साजिश का हिस्सा
मुंबई। आमतौर पर अम्बानी परिवार सरकार के फैसले पर सार्वजनिक तौर पर प्रतिक्रिया न के बराबर ही देता रहा है लेकिन रिलायंस कैपिटल के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर और अनिल अम्बानी के बड़े बेटे अनमोल अम्बानी इस मामले में अलग निकले हैं। अनमोल ने सोशल मीडिया पर सरकार के लॉकडाउन लगाने के फैसले की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने महाराष्ट्र में लॉकडाउन लगाने के फैसले को बहुत भयानक योजना बताया और कहा कि इसका लोगों के स्वास्थ्य से कोई लेना-देना नहीं है।
आवश्यक सेवाओं को लेकर उठाया सवाल
महाराष्ट्र में कोरोना वायरस के संक्रमण में तेजी को देखते हुए महाराष्टर में लॉकडाउन के जैसे ही प्रतिबंध लगा दिए गए हैं जिसमें आवश्यक सेवाओं के लिए छूट दी गई है। लेकिन इस दौरान क्रिकेटरों को प्रैक्टिस करने, फिल्मों की शूटिंग के लिए मंजूरी दिए जाने पर अनमोल भड़क उठे हैं और ट्विटर पर अपनी भड़ास निकाली। उन्होंने कोरोना के टाइम में नेताओं की रैलियों पर भी निशाना साधा है।
अपने एक ट्वीट में उन्होंने लिखा "प्रोफेशनल एक्टर अपनी फिल्मों की शूटिंग जारी रख सकते हैं। प्रोफेशनल क्रिकेटर देर रात तक अपना खेल जारी रख सकते हैं। पेशेवर राजनीतिज्ञ लोगों के हुजूम के साथ अपनी रैलियां जारी रख सकते हैं। लेकिन आपका बिजनेस या काम आवश्यक नहीं है। मैं अब भी इसे नहीं समझ पा रहा हूं?"
उन्होंने एक दूसरे ट्वीट में सवाल पूछा है कि "इस आवश्यक के मायने क्या है ? हर किसी का काम उसके लिए आवश्यक होता है।"
सोशल मीडिया पर अनमोल का ट्वीट वायरल होने लगा। बड़ी संख्या में यूजर के लाइक और रिट्वीट करने के बाद अनमोल ने इसे लेकर एक विस्तृत बयान पोस्ट किया।
बताया अंतरराष्ट्रीय साजिश का हिस्सा
इसमें उन्होंने लिखा "लॉकडाउन मानव इतिहास में सबसे बड़े धन हस्तांतरण को जारी रखने और सक्षम करने में महत्वपूर्ण हैं। गलती यह है कि लोगों को लगता है कि यह केवल एक अक्षम शासन के चलते है। जबकि ऐसा नहीं है। यह दुनिया की एक नई व्यवस्था में ढालने के लिए सोची समझी योजनाओं का एक सेट है।
उन्होंने आगे लिखा "यह संयोग नहीं है आम आदमी का नुकसान अमीरों का मुनाफा बन रहा है। रिटेल में आ रही मंदी से ई-कॉमर्स को फायदा होगा। किसान और उसकी जमीन का कॉरपोरेटीकरण और कोलोनाइजेशन हो रहा है। निजता और डेटा की फसल खड़ी की जा रही है और इसे नए युग के साम्राज्यों को बेचा जा रहा है।"
'लोगों को नियंत्रित करने की कोशिश'
उन्होंने आगे लिखा है कि "इस लॉकडाउन का लोगों के स्वास्थ्य से कोई लेना नहीं है और न ही कभी था। उन्होंने हमारे समाज और अर्थ्यवस्था की सबसे मजबूत रीढ़ की हड्डी दिहाड़ी मजदूर, स्वरोजगार और लघु एवं मध्यम उद्योगों से लेकर रेस्टोरेंट, ढाबा, फैशन और कपड़े की दुकानों को बरबाद कर दिया है।"
लॉकडाउन ने जिम, स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, खेल के मैदानों आदि को बंद करके हमारे स्वास्थ्य को भी बरबाद किया है क्योंकि एक्सरसाइज, सूरज की गर्मी और ताजी हवा हमारे शरीर के लिए बहुत फायदेमंद है।
अनमोल ने लिखा "मुझे लगता है कि हम अनजाने और बिना समझे एक बड़े और भयावह प्लान के जाल में फंसते जा रहे हैं। जिसका उद्येश्य चीन की तरह की आपके जीवन के हर पहलू को नियंत्रित करने वाला एक अधिनायकवादी फासीवादी राज्य बनाना है।"
अनमोल ने लिखा कि "लेकिन मुझे भारतीय लोगों पर भरोसा है। कि हम ग्लोबल तख्तापलट के खिलाफ खड़े होंगे और अपने देश का और उपनिवेशीकरण नहीं होने देंगे।"
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