ज्यादा घातक नहीं है कोरोना का N440K स्ट्रेन, दो नए वेरिएंट युवाओं में बढ़ा रहे संक्रमण
हैदराबाद, मई 6: देश में कोरोना महामारी की दूसरी लहर ने सुनामी का रूप ले लिया है, जहां पर रोजाना 3.5 लाख से ज्यादा मरीज सामने आ रहे हैं। इसके अलावा मृतकों का आंकड़ा भी अब 3000 के पार ही रहता है। ताजा हालात से देश अभी उबरा भी नहीं था कि वायरस के नए वेरिएंट ने चिंता बढ़ा दी है, जो काफी तेजी से युवाओं को अपना निशाना बना रहा है। हालांकि इस पर अभी और ज्यादा अध्ययन करना बाकी है।
कोशिका और जीव विज्ञान केन्द्र द्वारा किए गए अध्ययन के मुताबिक कोरोना का N440K वेरिएंट ना तो ज्यादा संक्रामक है और ना ही ज्यादा घातक। वहीं आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और तेलंगाना में कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए लोगों के सैंपल लिए गए थे। जिसमें बी.1.617 और बी.1 स्ट्रेन पाया गया, जो बहुत संक्रामक माना जाता है। साथ ही दोनों युवाओं में तेजी से फैलते हैं।
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मामले में आंध्र प्रदेश कोविड नियंत्रण केन्द्र के अध्यक्ष के. एस. जवाहर रेड्डी ने कहा कि WHO ने 25 अप्रैल को एक रिपोर्ट जारी की थी, जिसमें उसने इस बात पर जोर दिया कि भारत में कोरोना के बढ़ते मामलों का संबंध बी.1.617 से है। उस रिपोर्ट में N440K का जिक्र नहीं था। अब हैदराबाद स्थित सीसीएमबी की ओर से इस संबंध में आंध्र, तेलंगाना और कर्नाटक से नमूने लेकर जीनोम सीक्वेंसिंग की गई। जिसमें पता चला कि कोरोना का N440K स्वरूप उतना संक्रामक और घातक नहीं है।
12
राज्यों
में
ज्यादा
मामले
वहीं
दूसरी
ओर
स्वास्थ्य
मंत्रालय
की
रिपोर्ट
के
मुताबिक
महाराष्ट्र्,
कर्नाटक,
केरल
और
उत्तर
प्रदेश
समेत
12
राज्यों
में
एक
लाख
से
अधिक
उपचाराधीन
मरीज
हैं।
50,000
से
1,00,000
सक्रिय
मामले
7
राज्यों
में
और
50,000
से
कम
सक्रिय
मामले
17
राज्यों
में
हैं।
देश
में
24
राज्य
और
केंद्र
शासित
प्रदेश
ऐसे
हैं
जहां
15
फीसदी
से
ज्यादा
पॉजिटिविटी
रेट
है।
5-15
फीसदी
पॉजिटिविटी
रेट
10
में
है।