लोकसभा चुनाव: देवगौड़ा से मिले चंद्रबाबू नायडू, नतीजों के बाद गठबंधन पर चर्चा
नई दिल्ली। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) सुप्रीमो एन चंद्रबाबू नायडू ने मंगलवार को जनता दल-सेक्युलर (जेडी-एस) सुप्रीमो एचडी देवगौड़ा और कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी के साथ लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद गैर-भाजपा गठबंधन बनाने पर चर्चा की। चंद्रबाबू नायडू ने ईवीएम के साथ कथित छेड़छाड़ के मुद्दे पर विपक्षी पार्टियों को एकजुट करने के मकसद से भी सभी दलों के नेताओं के साथ मुलाकात कर रहे हैं। नायडू नई दिल्ली में ईवीएम के मुद्दे पर विपक्षी पार्टियों के साथ बैठक के बाद देर रात यहां पहुंचे थे और उन्होंने देवगौड़ा से करीब एक घंटे बात की।
मंगलवार रात उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री और जेडीएस प्रमुख एचडी देवेगौड़ा से मुलाकात की। बेंगलुरु में हुई बैठक में कर्नाटक के मुख्यमंत्री कुमारस्वामी भी मौजूद रहे। नायडू ने चर्चा के बाद कहा कि जेडीएस नेता प्रधानमंत्री पद के लिए राहुल गांधी को प्राथमिकता दे रहे हैं। इसमें कोई बुराई नहीं है। नतीजों के बाद मिलकर इस पर चर्चा करेंगे। वहीं देवेगौड़ा ने कहा कि जब तक परिणामों की घोषणा नहीं हो जाती है, हम गठबंधन को लेकर कोई चर्चा नहीं कर रहे। बता दें कि, जेडी-एस, जो कांग्रेस के साथ दक्षिणी राज्य में सत्ता में है, वह इस गठबंधन का हिस्सा बनने के लिए सहमत हो गया है और यहां तक कि प्रधानमंत्री पद के लिए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का समर्थन भी किया है।
नायडू ने गौड़ा और कुमारस्वामी को राहुल गांधी के साथ अपनी चर्चाओं से भी अवगत कराया। बाबू ने कहा कि, टीएमसी अध्यक्ष ममता बनर्जी, बसपा अध्यक्ष मायावती, सपा प्रमुख अखिलेश यादव और अन्य सहयोगी दल चुनाव बाद त्रिशंकु संसद बनने की स्थिति में बीजेपी को सत्ता में लौटने की रोकनी की कोशिश करेंगे। यहीं नहीं नायडू ने आरोप लगाया कि, पहले, बीजेपी तक ने ईवीएम का विरोध किया था। उत्तर प्रदेश में हमने ईवीएम को होटलों एवं घरों में देखा है... स्ट्रॉन्ग रूम बदले जा रहे हैं।
ईवीएम के मसले पर प्रधानमंत्री के रुख के बारे में पूछे जाने पर आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कहा, प्रधानमंत्री क्यों विरोध कर रहे हैं? ईवीएम और वीवीपैट हैं। आपने 9,000 करोड़ रुपये खर्च किए हैं... आप पारदर्शिता और जवाबदेही क्यों नहीं दिखा रहे हैं? इसका मतलब आप बदमाशी कर रहे हैं। आप ईवीएम से छेड़छाड़ कर रहे हैं। वहीं देवगौड़ा ने कहा कि उन्होंने भी 2006 में ईवीएम को लेकर चुनाव आयोग को चिट्ठी लिखी थी। उन्होंने कहा कि इन जटिलताओं से बचने के लिए मत पत्रों को वापस लाना चाहिए। विपक्षी पार्टियां हमेशा से ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल उठाती रही है। वे मतपर्ची और ईवीएम के मिलान की मांग कर रही हैं।
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