और मजबूर मजदूर ने बिस्तर पर पड़ी बीमार मां को जिन्दा जला दिया, क्योंकि?
नई दिल्ली। कोरोनावायरस प्रेरित लॉकडाउन में बंद हुए कामकाज से महीनों घर में तंगहाल बैठे तेलंगाना के एक मजबूर मजदूर ने बिस्तर पर बीमार पड़ी मां को जिंदा जलाने की खबर सामने आई है। यह वीभत्स घटना लॉकडाउन की विभीषिका में एक मजदूर की विकराल समस्या को दर्शान के लिए काफी है।
रिपोर्ट के मुताबिक पिछले दो महीने से अधिक समय से देश में लागू राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन में नौकरी छूटने से पैदा हुई आर्थिक तंगी से मजदूर लाचार था, जिसकी वह अपना और अपने परिवार का भरण-पोषण करने में पूरी तरह से नाकाम था। चूंकि उसकी बहनें मां का ख्याल रखती थी, लेकिन लॉकडाउन में उनका भी आना बंद हो गया था।
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मजदूर के पास बीमार मां की देखभाल के लिए पैसे नहीं बचे थे
रिपोर्ट के मुताबिक पैसे से लाचार मजदूर को अपनी बीमार को इसलिए जिंदा जलाने के लिए मजबूर होना पड़ा, क्योंकि उसके पास बीमार मां की देखभाल के लिए पैसे नहीं बचे थे, फिर वह अपनी मां के इलाज के लिए पैसा कहां से ला सकता था।
जब मां सो रही थी तब बेटे तिरूमला लिंगस्वामी ने उठाया घातक कदम
बताते हैं कि जब बिस्तर उसकी बीमार मां सो रही थी तभी 45 वर्षीय उसके बेटे तिरुमाला लिंगस्वामी ने यह घातक कदम उठाया। मामले की तफ्तीश में जुटे तेलंगाना पुलिस ने बताया घटना राजधानी हैदराबाद से 120 किलोमीटर दूरी पर स्थित नलंगोडा के नरसिंहबटला गांव में हुआ।
बहनों से कहा कि वह अब किसी भी देखभाल नहीं कर सकता है
नलंगोडा के नरसिंहबटला गांव निवासी तिरुमला ने कथित तौर पर अपनी बहनों से कहा कि वह अब किसी भी देखभाल नहीं कर सकता है और फिर उसने घटना वाले दिन बिस्तर पर लेटी अपनी मां को जिन्दा जला दिया और जलाने के बाद वह मौके से फरार हो गया, जिसकी पुलिस खोज में जुटी है।
बीमार 65 वर्षीय मां शांतम्मा की कमर की हड्डी 5 साल पहले टूट गई थी
तिरूमला की बीमार 65 वर्षीय मां शांतम्मा की कमर की हड्डी पांच साल पहले टूट गई थी, जिससे वह हमेशा बिस्तर पर ही रहती थीं। तिरुमला और उनकी तीन बहनों ने मां का ख्याल रखने के लिए एक केयर टेकर को भी रखा था, लेकिन पेमेंट नहीं मिलने से उसने आना बंद कर दिया था।
इसलिए आगे पड़ोसियों ने भी उन्हें मदद करना बंद कर दिया
बताया जाता है तिरूमला और उसकी मां शांतम्मा की हालत को देखते हुए उनके पड़ोसियों ने शांतम्मा के लिए खाने का इंतजाम किया था, लेकिन बिस्तर नहीं उठ पाने के कारण शांतम्मा खुद का ख्याल नहीं रख पा रहीं थीं, इसलिए आगे पड़ोसियों ने भी उन्हें मदद करना बंद कर दिया।
पड़ोस में रहने वाली बीमार मां की बेटियां हफ्ते में एक बार आती थी
नलगोंडा ग्रामीण पुलिस के सब-इंस्पेक्टर राजेश्वर रेड्डी ने बताया कि पड़ोस के गांव में रहने वाली उनकी बेटी हफ्ते में एक बार आती थी और उन्हें नहला-धुलाकर साफ कर देती थी, क्योंकि उठने में अक्षम बूढ़ी औरत अपनी साफ-सफाई का काम नहीं कर सकती और न ही कोई मदद नहीं करता था।
लॉकडाउन में न तो केयरटेकर और न ही बेटियां मां की देखभाल कर सकी
राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के बाद आरोपी बेटा तिरुमला कुछ दिनों के लिए एक कंस्ट्रक्शन साइट पर था, लेकिन कुछ दिनों के बाद जब वह गांव पहुंचा और देखा कि लॉकडाउन के कारण न तो केयरटेकर और न ही उनकी बहनें अपनी माँ के घर आ पाईं थी।
अप्रैल के पहले हफ्ते में आरोपी तिरूमला हैदराबाद लौट आया था
सूत्रों के अनुसार अपनी बीमार मां की हालात नहीं देख पाने पर तिरुमाला अप्रैल के पहले हफ्ते में हैदराबाद लौट आया और अपनी बहनों के साथ कथित संपर्क में रहकर जिम्मेदारी से बचने के लिए लोगों से बातचीत बंद कर दी।
5 मई को लॉकडाउन में ढील देने के बाद तिरूमाला गांव में वापस आया
मामले की जांच कर रही तेलंगाना पुलिस ने बताया कि तेलंगाना सरकार द्वारा गत 5 मई को लॉकडाउन प्रतिबंधों में ढील देने के बाद तिरूमाला गांव में वापस आया और बीमार मां की देखभाल के लिए केयर टेकर मनाने की कोशिश की लेकिन कोई उसकी मां की देखभाल के लिए तैयार नहीं हुआ।
तिरुमला घर बेचने के लिए मां शांतम्मा पर दबाव डाल रहा था
तीन बहनों के बयान दर्ज करने के बाद पुलिस ने कहा कि वित्तीय संकट से निपटने के लिए तिरुमला घर बेचने के लिए शांतम्मा पर दबाव डाल रहा था। पुलिस के अनुसार उनकी बहनों ने बताया उनके पास पैसे नहीं थे, क्योंकि उन्होंने अपने सारे पैसे लॉकडाउन के दौरान इस्तेमाल कर लिए थे।
घर बेचने से मना करने के बाद आरोपी ने यह जघन्य अपराध किया
उसने अपनी बहनों पर दबाव डाला कि वे अपनी मां को घर बेचने के लिए दबाव डालें, लेकिन उनकी बहनों ने कहा कि वह शायद वह मां का ख्याल रखने में सक्षम नहीं था और घर बेचने को मना कर दिया, जिसके बाद उसने यह जुर्म किया होगा।
तिरुमला की पत्नी ने दो साल के बच्चे के साथ उसका घऱ छोड़ दिया था
पुलिस ने कहा कि यह साफ नहीं है कि आरोपी तिरूमला अपनी मां की देखभाल के लिए पैसे का उपयोग करना चाहता था या नहीं। एक अधिकारी ने बताया कि पुलिस यह भी जांच कर रही है कि क्या निजी जिन्दगी में दिक्कतों के कारण तिरुमला की पत्नी ने हाल ही में अपने दो साल के बच्चे के साथ घऱ छोड़ दिया।
तीनों बहनों के मुताबिक लॉकडाउन में तिरुमला बहुत शराब पीता था
आरोपी तिरूमला की तीनों बहनों का दावा है कि तालाबंदी के दौरान तिरुमला बहुत शराब पीता था। माना जा सकता है कि लॉकडाउन के कारण नौकरी छूटने से पैदा हुई आर्थिक संकट ने आरोपी को शराब पीने लगा हो, क्योंकि पिछले दो महीने को लॉकडाउन में वह घर पर बिना काम काज के बैठा था।