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शहीद होने से पहले मेजर केतन ने व्‍हाट्स एप पर भेजी अपनी फोटो, कही रुला देने वाली बात

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नई दिल्‍ली। साल 2019 के छह माह बीतने को हैं और ये 180 दिन देश की सेनाओं के लिए सबसे मनहूस साबित हुए हैं। सोमवार को भी एक मनहूस खबर जम्‍मू कश्‍मीर के अनंतनाग से आई जब यहां पर एनकाउंटर में दुश्‍मनों से लोहा लेते 32 वर्षीय मेजर केतन शर्मा शहीद हो गए। मेजर केतन की शहादत के साथ ही अब उस व्‍हाट्सएप मैसेज का भी जिक्र हो रहा है जो उन्‍होंने एनकाउंटर से चंद घंटों पहले ही फैमिली ग्रुप पर भेजा था। मेजर केतन के बलिदान को पूरा देश हमेशा याद रखेगा। उन्‍होंने इस एनकाउंटर में न सिर्फ अपने साथियों की जान बचाई बल्कि शहीद होने से पहले आतंकियों को भी ढेर किया। उत्‍तर प्रदेश के मेरठ जिले के रहने वाले मेजर केतन अपने माता-पिता के इकलौते बेटे थे।

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एनकाउंटर से कुछ घंटों पहले भेजा मैसेज

एनकाउंटर से कुछ घंटों पहले भेजा मैसेज

इंडियन एक्‍सप्रेस के मुताबिक मेजर केतन के चचेरे भाई ने बताया कि उन्‍होंने व्‍हाट्स एप फैमिली ग्रुप पर सोमवार सुबह ही मैसेज भेजा था। मेजर केतन ने अपनी एक फोटो फैमिली ग्रुप पर भेजी और उन्‍होंने लिखा, 'हो सकता है यह मेरी आखिरी फोटो हो।' इसके बाद उनकी पत्‍नी इरा और उनके साले ने उन्‍हें रिप्‍लाई किया लेकिन कोई उनका कोई जवाब नहीं आया। मेजर केतन की एक चार वर्ष की बेटी काइरा है। जिस समय पिता का शव घर पहुंचा काइरा अपने दूसरे भाई-बहनों के साथ खेल रही थी। उसे इस बात का अंदाजा भी नहीं था कि अब उसके पिता इस दुनिया में नहीं हैं।

 पिता को कहा मां का ध्‍यान रखना

पिता को कहा मां का ध्‍यान रखना

मेजर केतन दक्षिण कश्‍मीर के अनंतनाग के अच्‍छाबल इलाके में हुए एनकाउंटर में शहीद हुए। उनके अंतिम संस्‍कार पर हजारों की भीड़ उन्‍हें श्रद्धांजलि देने के लिए उमड़ी थी। उनके पिता रविंदर को अपने बेटे के इस तरह से चले जाने का अफसोस है। उन्‍होंने मीडिया को बताया, 'वह हमेशा मुझसे उसकी मां का ध्‍यान रखने को कहता था क्‍योंकि उनकी तबियत ठीक नहीं रहती थी।' कई ऑफिसर्स मेजर केतन के घर पर थे और उनके परिवार को हर पल सांत्‍वना दे रहे थे।

मां का रो-रोकर बुरा हाल

मां का रो-रोकर बुरा हाल

मेजर केतन की मां का जवान बेटे के शहीद हो जाने के बाद रो-रोकर बुरा हाल था। वह बार-बार ऑफिसर्स से पूछ रही थीं, 'आपने ठीक से चेक किया न, जो शहीद हुआ है वह मेरा बेटा है या कहीं आपको कोई गलतफहमी तो नहीं हुई ना।' मेजर केतन की मां बार-बार ऑफिसर को पकड़ कर पूछ रही थीं, 'मुझे बताओ मेरा शेर बेटा कहां गया?' मेजर केतन की मां अपने बेटे को एक शेर कह रही थीं और कह रही थीं कि जब शेर को ले गए तो फिर उसकी मां को क्‍यों छोड़कर चले गए, उसे भी ले जाते।

गुड़गांव में छोड़ी लाखों की नौकरी

गुड़गांव में छोड़ी लाखों की नौकरी

मेजर केतन ने गुड़गांव में अच्‍छे खासे पैकेज वाली नौकरी छोड़कर देश सेवा के लिए सेना को चुना था। उनके एक और कजिन के मुताबिक मेजर केतन के चाचा भी सेना में थे। कैंट इलाके में ही वह बड़े हुए और हमेशा से उनके दिल में सेना में जाने का सपना था। जब नेशनल डिफेंस एकेडमी (एनडीए) में उनका सेलेक्‍शन नहीं हो सका तो उन्‍होंने कंबाइंड डिफेंस सर्विसेज (सीडीएस) की परीक्षा देने की ठानी। मेहनत रंग लाई और दिसंबर 2012 में वह आईएमए से पासआउट होकर ऑफिसर बने। लेफ्टिनेंट बनने के बाद उन्‍होंने इरा से शादी की और फिर एक बच्‍ची के पिता बने।

Comments
English summary
Major Ketan Sharma who lost his life in Anantnag encounter sent his last whatsapp message to the family group and he said, 'May be this is my last photo'.
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