अनंत कुमार ने युनाइटेड नेशंस में वो कर दिखाया जो कोई नहीं कर सका
नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार के निधन के बाद देशभर में शोक की लहर है। राष्ट्रपति, प्र्धानमंत्री, गृहमंत्री, रक्षामंत्री, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से लेकर तमाम दिग्गज नेताओं ने अनंत कुमार के निधन पर शोक जताया है। अनंत कुमार का आज अंतिम संस्कार किया जाएगा। अनंत कुमार को भाजपा के दिग्गज नेता के तौर पर जाना जाता है। जिस तरह से वह पार्टी के लिए हमेशा मुश्किल की घड़ी में काम आते थे, उसकी वजह से उनकी जगह को एक बार फिर से भर पाना भाजपा के नामुमकिन है। दक्षिण भारत की राजनीति में अनंत कुमार भाजपा के लिए एक मजबूत कड़ी थे। बहुत कम लोगों को इस बात की जानकारी होगी कि अनंत कुमार युनाइटेड नेशंस में कन्नड भाषा में भाषण देने वाले पहले व्यक्ति हैं।
अनंत कुमार ने 15 अक्टूबर 2012 को युनाइटेड नेशंस में कन्नड भाषा में अपना भाषण दिया था। उन्होंने अपने इस अनुभव को लोगों के बीच साझा भी किया था। अपने अनुभव के बारे में अनंत कुमार ने कहा था कि मुझे न्यूयॉर्क स्थित युनाइटेड नेशंस में बोलने का सौभाग्य प्राप्त हुआ, मेरा यह अनुभव काफी सुखद रहा क्योंकि मुझे अपनी पसंदीदा भाषा कन्नड में यूएन जनरल एसेंबली में बोलने का मौका दिया गया। भाषण के दौरान अनंत कुमार ने कहा कि इससे पहले कि मैं अपना भाषण शुरू करूं मैं उन तमाम लोगों को शुभकामनाएं देना चाहता हूं जो जिनकी मातृ भाषा कन्नड है।
भाषण के बारे में बताते हुए अनंत कुमार ने कहा कि मैंने बताया कि कैसे भारत वैश्विक शांति और मानवाधिकारों के लिए काम कर रहा है। साथ ही आतंक के खिलाफ भारत की लड़ाई के बारे में मैने जिक्र किया। भारत में जिन भाषाओं के प्रति लोगों का काफी सम्मान है उसमे कन्नड भाषा का विशेष स्थान है। यह 2000 वर्ष पुरानी भाषा है जिसे 38 लाख लोग बोलते हैं।
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