पीरजादा से गठबंधन पर कांग्रेस में घमासान, आनंद शर्मा ने उठाए सवाल
नई दिल्ली। पार्टी नेतृत्व के खिलाफ बगावती तेवर अपनाने वाले जी-23 ग्रुप के कांग्रेसी नेता आनंद शर्मा ने पश्चिम बंगाल चुनाव के लिए वाम मोर्चा (वामो), कांग्रेस और इंडियन सेक्यूलर फ्रंट (आईएसएफ) के बीच हुए गठबंधन पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि सांप्रदायिकता के खिलाफ लड़ाई में कांग्रेस चयनात्मक नहीं हो सकती है। हमें हर सांप्रदायिकता के हर रूप से लड़ना है। आनंद शर्मा ने इस गठबंधन को पार्टी की मूल विचारधारा, गांधीवाद और नेहरूवादी धर्मनिरपेक्षता के खिलाफ बताया है।
इस गठबंधन को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कांग्रेसी नेता आनंद शर्मा ने कहा कि, आईएसएफ जैसी पार्टियों और ऐसी अन्य ताकतों के साथ गठबंधन पार्टी की मूल विचारधारा के विपरीत है।' उन्होंने कहा कि यह फैसला पार्टी की आत्मा गांधीवादी और नेहरूवादी धर्मनिरपेक्षता के तरीके के विपरीत है। ऐसे फैसलों के लिए सेंट्रल वर्किंग कमेटी की मंजूरी की जरूरत होती है।
आनंद शर्मा ने आगे कहा कि, सांप्रदायिकता के खिलाफ लड़ाई में कांग्रेस चयनात्मक नहीं हो सकती है। हमें हर सांप्रदायिकता के हर रूप से लड़ना है। पश्चिम बंगाल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की उपस्थिति और समर्थन शर्मनाक है, उन्हें अपना पक्ष स्पष्ट करना चाहिए। आनंद शर्मा द्वारा उठाए गए सवालों का बंगाल कांग्रेस के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने पलटवार किया है। अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि हमलोग प्रदेश प्रभारी हैं। कोई भी फैसला खुद से नहीं लेते हैं जबतक कि आलाकमान से आदेश नहीं मिलता है।
2 दिन पहले ही बगावती तेवर अपनाने वाले जी-23 ग्रुप के नेता जम्मू में एक कार्यक्रम में जुटे थे। कार्यक्रम में आनंद शर्मा ने अप्रत्यक्ष रूप पार्टी नेतृत्व पर निशाना साधते हुए कहा था कि हममें से कोई खिड़की-रोशनदान से नहीं आया है। हम सभी छात्र आंदोलन और युवक आंदोलन से आए हैं। उन्होंने कहा था कि हमें कोई यह नहीं बता सकता कि हम कांग्रेसी हैं या नहीं। उन्होंने इस कार्यक्रम में कहा था कि पिछले 10 सालों में कांग्रेस कमजोर हुई है।
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