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'द वायर' पोर्टल संपादक के खिलाफ दर्ज हुई प्राथमिकी, FAKE NEWS फैलाने का है आरोप!

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नई दिल्ली। द वायर के संस्थापक-संपादक सिद्धार्थ वरदराजन के खिलाफ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ फर्जी खबरें फैलाने के आरोप में बुधवार को एफआईआर दर्ज करने का मामला सामने आया है। दर्ज प्राथमिकी के मुताबिक वरदराजन ने तब्लीगी जमात की हरकतों के बचाव में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ का गलत उद्धरण दिया गया था।

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार मृत्युंजय कुमार के मुताबिक राज्य सरकार की चेतावनी के बावजूद, वरदराजन द्वारा न ही गलत लेख को हटाया और न ही इसके लिए माफी मांगी गई। इसलिए उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है । द वॉयर के खिलाफ उक्त कार्रवाई चेतावनी के बाद की गई है।

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गौरतलब है लॉकडाउन के बावजूद राजधानी दिल्ली के निजामुद्दीन में तब्लीगी जमात द्वारा आयोजित जलसा में देश-विदेश से इकट्टा हुए करीब 1500 लोगों के जमावड़े का खुलासा हुआ था और पूरे देश में कोरोनो वायरस के प्रकोप फैलाने के लिए तब्लीगी जमात हॉटस्पॉट बनकर उभरा था, क्योंकि जमात के लोगों ने लॉकडाउन के आदेशों की अवहेलना करने और सार्वजनिक स्वास्थ्य और सुरक्षा को खतरे में डालने का काम किया था।

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इसी बीच गत 31 मार्च 2020 को 12:45 बजे, द वायर के संस्थापक-संपादक सिद्धार्थ वरदराजन ने एक लिंक ट्वीट किया जिसमें दावा किया गया कि दिल्ली के नेहरू स्टेडियम को आइसोलेशन सुविधा में परिवर्तित किया जाएगा। इसे साझा करते हुए, वरदराजन ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के एक उद्धरण को जिम्मेदार ठहराया।

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वरदराजन ने दावा किया था कि जिस दिन तब्लीगी जमात का आयोजन हो रहा था, यूपी सीएम आदित्यनाथ ने 25 मार्च से 2 अप्रैल तक अयोध्या में एक बड़े राम नवमी के मेले के भव्य आयोजन करने यह कहकर दवाब बनाया था कि भगवान राम भक्तों की कोरोनो वायरस से रक्षा करेंगे।

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बताया जाता है द वायर के संस्थापक-संपादक ने अपनी बात को कहने के लेिए एक निष्कासित महंत के उद्धरण के जरिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को तब्लीगी जमात की हरकतों के बचाव करने के लिए लोगों को गुमराह किया।

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वरदराजन के ट्वीट के बाद मृत्युंजय कुमार ने ट्वीट कर कहा था कि सीएम योगी आदित्यनाथ ने ऐसी कोई टिप्पणी नहीं की है। इसे हटा दें अन्यथा इसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी और मानहानि की कार्रवाई भी शुरू की जाएगी।

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उल्लेखनीय है तब्लीगी जमात दिल्ली के निज़ामुद्दीन में 2 दर्जनों COVID -19 के पॉजिटिव मामलों के पता लगाने के बाद पूरे देश में सुर्खियों में आ गया है, जहां 21 मार्च 2020 को तीन दिवसीय इस्लामिक धर्म प्रचार कार्यक्रम के लिए हजारों मुस्लिम एकत्र हुए थे।

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गत 1 अप्रैल तक, निजामुद्दीन में 2100 मुसलमानों को इमारत से निकाला गया और उन्हें आइसोलेशन वार्ड में भेज दिया गया है। फिलहाल जांच चल रही है और जो लोग इसमें शामिल हुए थे, उनके साथ संपर्क करने की कोशिश की जा रही है।

यह भी पढ़ें-कोरोना महामारीः जानिए कैसे आता है और कैसे जाता है वायरस का संकट?

Comments
English summary
According to the Uttar Pradesh Chief Minister's media advisor Mrityunjay Kumar, despite the state government's warning, Varadarajan neither deleted the wrong article nor apologized for it. Hence an FIR has been registered against him. The said action against The Wire has been taken after warning.
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