AN32 एयरक्राफ्ट हादसा: खराब मौसम ने रोका रेस्क्यू ऑपरेशन, घटनास्थल तक नहीं पहुंचे हेलीकॉप्टर
नई दिल्ली। अरुणाचल प्रदेश की दुर्गम घाटियों में 3 जून को क्रैश हुए एयरफोर्स के एएन-32 एयरक्राफ्ट हादसे में मारे गए 13 लोगो के शव शनिवार को भी नहीं लाए जा सके। सेना की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि, 17 IAF की रेस्क्यू टीम, आर्मी स्पेशल फोर्स और स्थानीय नागरिक क्रैश साइट पर मौजूद हैं। बादल छाए रहने के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन में दिक्कत आ रही है। खराब मौसम के कारण आज कोई भी हेलीकॉप्टर उड़ान नहीं भर सका।
भारी बारिश के चलते नहीं उड़ सके हेलीकॉप्टर
वायु सेना की ओर से जारी एक बयान में शनिवार को कहा गया कि, लगातार बारिश और भारी बादल छाए रहने के कारण बचाव कार्यों में दिक्कत आ रही है। खराब मौसम के कारण आज कोई भी हेलीकॉप्टर उड़ान नहीं भर सका। एयरफोर्स के प्रवक्ता विंग कमांडर रत्नाकर सिंह ने एक बयान में कहा कि, 17 सदस्यीय बचाव दल में भारतीय वायुसेना और सेना के जवान और नागरिक पर्वतारोही शामिल है। लेकिन पूरे दिन भारी बारिश और बादलों की वजह से कोई हेलीकॉप्टर दुर्घटनास्थल तक नहीं पहुंच पाया।
वायुसेना कल सुबह से अपना अभियान दोबारा शुरू करेगी
अरुणाचल प्रदेश की घाटियों में साल के इस समय बहुत नीचे और घने बादल होते हैं। वहीं एयरक्राफ्ट का मलबा एक 12000 फीट ऊंची पहाड़ी की चोटी से थोड़ा नीचे तीखी ढलान पर बिखरा हुआ है। यहां से शवों को लाने या बचावकर्मियों को लाने-ले जाने के लिए केवल एक ही तरीक़ा है। वह है शवों को एयरलिफ्ट कर ले जाया जाए। लेकिन खराब मौसम के कारण शनिवार को पूरे दिन बचाव का काम बंद रहा। इसके बाद इन शवों को उनके बेस जोरहाट ले जाया जाएगा। वायुसेना कल सुबह से अपना अभियान दोबारा शुरू करेगी।
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एन-32 विमान हादसे की जांच कर सुनिश्चित करेंगे:बी एस धनोआ
वहीं दूसरी ओऱ वायुसेना प्रमुख बी एस धनोआ ने शनिवार को कहा कि भारतीय वायु सेना अरुणाचल प्रदेश में हाल में दुर्घटनाग्रस्त हुए एएन-32 विमान हादसे के कारणों का पता लगाकर यह सुनिश्चित करेगी कि ऐसे हादसे फिर नहीं हों। उन्होंने कहा कि, हमें फ्लाइट डाटा रिकॉर्डर और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर मिल गए हैं। हम इस बात की विस्तृत जांच करेंगे कि क्या हुआ और यह सुनिश्चित करेंगे कि ऐसा दुबारा नहीं हो। उन्होंने दावा किया कि अरुणाचल प्रदेश में, इलाके बेहद दुर्गम हैं और वहां अधिकतर बादल छाए रहते हैं। जब आप उस क्षेत्र में बादलों वाले ऐसे मौसम में उड़ान भरते हैं, तो वहां दुर्घटनाओं की आशंका बनी रहती है।