क्रैश के शिकार एएन-32 को इंडियन एयरफोर्स कह सकती है अलविदा
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नई दिल्ली। अरुणाचल प्रदेश में क्रैश हुए ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट एएन-32 को इंडियन एयरफोर्स (आईएएफ) अब कुछ खास जगहों से हटाने की योजना बना रही है। इंग्लिश डेली हिन्दुस्तान टाइम्स की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक आईएएफ अब एएन-32 को कम से कम प्रयोग करने के बारे में सोच रही है। पिछले 10 वर्षों के अंदर तीसरा मौका था जब एएन-32 हादसे का शिकार हुआ है। यह एक सोवियत दौर का एयरक्राफ्ट है। तीन जून को असम के जोरहाट से जिस एएन-32 ने टेक ऑफ किया था, वह कुछ ही मिनटों बाद क्रैश हो गया था। आठ दिनों के बाद 11 जून को इसका मलबा अरुणाचल प्रदेश के नॉर्थ लिपो में मिला था जो वेस्ट सियांग जिले में आता है।
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एएन-32 की जगह सी295
हिन्दुस्तान टाइम्स ने आईएएफ के सीनियर ऑफिसर्स के हवाले से लिखा है कि एएन-32 भले ही वायुसेना के लिए सबसे अहम एयरक्राफ्ट हो लेकिन अब इसे ड्यूटीज से हटाया जा सकता है। इन ऑफिसर्स की मानें तो सुरक्षा के लिहाज से एएन-32 को पहाड़ी क्षेत्रों या फिर समुद्री इलाकों में तैनाती से हटाया जा सकता है। सूत्रों की ओर से कहा गया है कि एएन-32 की जगह एयरफोर्स सी295 का प्रयोग कर सकती है। सी295 एक मीडियम ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट है जिसे एयरफोर्स खरीद रही है। इस एयरक्राफ्ट में सुरक्षा के उपाय कहीं ज्यादा हैं। वहीं एक और ऑफिसर की ओर से बताया गया है कि रक्षा मंत्रालय ने 56 सी295 एयरक्राफ्ट को सही कीमत पर खरीदने के लिए जरूरी प्रक्रियाएं पूरी कर ली हैं। सी295 मीडियम साइज के एवरो 748 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट की जगह लेगा लेकिन यह एएन-32 की जगह भी प्रयोग हो सकता है। सी295 की डील 2.5 बिलियन डॉलर की है और जल्द ही इसे रक्षा खरीद परिषद (डीएसी) के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।
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जुलाई 2016 में भी हुआ हादसा
एयरबस डिफेंस एंड स्पेस के अलावा टाटा एडवांस्ड सिस्टम लिमिटेड इस प्रोजेक्ट को साथ में मिलकर पूरा करेंगे। यह मेक इन इंडिया के तहत आगे बढ़ेगा। एक बार कॉन्ट्रैक्ट मिलने के बाद एयरबस 16 एयरक्राफ्ट 'फ्लाइवे कंडीशन' में एयरफोर्स को सप्लाई करेगी। वहीं 40 एयरक्राफ्ट को टाटा यहीं पर असेंबल करेगी। 16 एयरक्राफ्ट अगले दो वर्षों में एयरफोर्स को मिल जाएंगे। भारत में पहला एएन-32 सन् 1990 में क्रैश हुआ था। इस एयरक्राफ्ट ने चेन्नई के तांबरम एयरफोर्स बेस से टेक ऑफ किया था और पोनमुदी पहाड़ियों में क्रैश हो गया था। साल 2009 में दूसरा एएन-32 क्रैश हुआ जो अरुणाचल प्रदेश के मेचुका से निकला था। जुलाई 2016 में तांबरम एयरबेस से एएन-32 ने अंडमान निकोबार के पोर्टब्लेयर के लिए उड़ान भरी थी। टेक ऑफ करने के कुछ ही मिनटों बाद बंगाल की खाड़ी पर यह गायब हो गया। इसके बाद करीब 20 दिनों तक सर्च ऑपरेशन समंदर में चलाया गया लेकिन विमान में सवार 29 लोगों की कोई जानकारी नहीं मिल सकी।