AMU हिंसा: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने लगाई यूपी पुलिस को फटकार, सरकार को कार्रवाई का दिया निर्देश
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश की अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) में 15 दिसंबर, 2019 को हुए नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन और पुलिस की कार्रवाई के मामले पर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सोमवार को सुनवाई की। मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर और न्यायमूर्ति समित गोपाल की खंडपीठ ने यूपी सरकार के पुलिस महानिदेशक को यह निर्देश दिया है कि वह उन पुलिसकर्मियों की पहचान कर उनके खिलाफ कार्रवाई करें जिन्होंने एएमयू छात्रों और विश्वविद्यालय परिसर में खड़ी गाड़ियों को नुकसान पहुंचाया था। न्यायाधीश ने 6 छात्रों को मुआवजा भी देने का निर्देश दिया है।
गौरतलब है कि पिछले वर्ष दिसंबर में दिल्ली समेत कई राज्यों में सीएए के विरोध में हिंसक प्रदर्शन हुए थे। उसी दौरान 15 दिसंबर को एएमयू छात्रों ने भी सीएए के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था जिसमें कई छात्र पुलिस की कार्रवाई में घायल हो गए थे। सोमवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मोहम्मद अमन खान द्वारा पुलिस की कार्रवाई के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। कोर्ट ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को भी निर्देश दिया है कि वह सीएए विरोध प्रदर्शन के दौरान एएमयू में कथित तौर पर किए गए पुलिस की कार्रवाई और हिंसा की जांच करे।
आपको बता दें कि एएमयू कैंपस में 15 दिसंबर को हुई हिंसा का वीडियो सामने आया था। वीडियो में सैकड़ों की तादाद में प्रदर्शनकारी यूनिवर्सिटी के गेट की तरफ दौड़ते हुए बढ़ते दिखे थे। गेट को जोर-जोर से हिलाकर तोड़ते हुए भी दिखे थे। यूनिवर्सिटी के सुरक्षाकर्मियों ने गेट को बंद कर दिया था लेकिन एएमयू के गेट पर खड़े प्रदर्शनकारी काफी उत्तेजित नजर आए। यूपी पुलिस और AMU छात्र संघ के बीच भी आरोप-प्रत्यारोप भी लगा था। छात्र संघ ने कहा था कि पुलिस ने ज्यादती की है।