अमृतसर: ट्रैक पर पड़ी थीं कटी लाशें, गहने और पर्स लूट रहे थे इंसानियत के दुश्मन
नई दिल्ली। इस साल का दशहरा अमृतसर के 61 परिवारों को ऐसा दुख दे गया जो वो पूरी जिंदगी नहीं भूल पाएंगे। इसी दिन यहां के जोड़ा फाटक पर हुए रेल हादसे में लगभग 61 लोगों की मौत हो गई थी। खैर ये तो हादसा था। लेकिन इसके बाद जो हुआ उसने इंसानियत को मौत के घाट उतार दिया। इस दिन पूरे देश में रावण तो जल गया लेकिन जोड़ा फाटक के पास रेलवे ट्रैक पर कटी लाशों बीच वो घूम रहा था। जी हां ये 'रावण' वो लोग थे जो घायलों और मृतकों के शरीर से गहने और उनके पर्स लेकर भाग रहे थे। किसी के गले से चेन उतार ली गई, तो किसी का मोबाइल उठा लिया गया। हालांकि उन परिवारों के लिए जिन्होंने अपनों को खो दिया उनके लिए चेन और पर्स का खो जाना मतलब नहीं रखता लेकिन इंसानियत के मद्देनजर यह एक अजीम गुनाह है और ऐसा करने वालों को इसकी बदतरीम सजा मिलनी चाहिए। विस्तार से जानिए पूरा मामला
दर्द से चिल्ला रहा था दीपक, एक शख्स आया और मोबाइल और पर्स ले गया
न्यूज18 की रिपोर्ट के मुताबिक दीपक नाम का एक एक्सिडेंट विक्टिम जो ट्रेन एक्सिडेंट में अपनी बेटी खो चुका है, जिसका बेटा अस्पताल में मौत से लड़ रहा है और खुद दीपक के पैर में काफी चोट आई है। जब वो मदद के लिए चिल्ला रहा था अपने बच्चों को पुकार रहा था तब कोई आया और उसका मोबाइल और पर्स ले गया। इतना ही नहीं एक अन्य रिपोर्ट कहती है कि जब मृतकों के परिजन शरीर लेने आए तो महंगी चीज़ें गायब थीं।
हादसे के बाद फोन ऑन था लेकिन एक घंटे बाद ऑफ हो गया
एक हिंदी अखबार में छपी खबर के मुताबिक 16 वर्षीय बॉडी पांडे को सिविल अस्पताल लाया गया था। उसकी घटनास्थल पर ही मौत हो चुकी थी। दशमेश नगर की गली नंबर 14 में रहने वाले बॉबी के पास मोबाइल फोन था, जो हादसे के बाद गायब हो गया। उनके पिता ने बताया कि हादसे के बाद जब मोबाइल पर फोन किया गया तो रिंग गई। उसके करीब 1 घंटे बाद से अबतक स्विच ऑफ आ रहा है। उसके पिता उदय पांडेय ने कहा कि मोबाइल या सामान जो ले गया, वो रख ले। हमें कुछ नहीं चाहिए। हमारे बुढ़ापे का सहारा चला गया। यह जख्म ताउम्र भरेगा नहीं।
मोबाइल फोन और चेन गायब
हादसे में मारे गए बासु निवासी शरीफपुरा का मोबाइल फोन व चेन गायब हैं। पिता विक्की मल्होत्रा ने कहा कि मेरा सब कुछ लुट जाता तो भी गम नहीं था। बेटा सही सलामत लौट आता तो मेरी दुनिया आबाद हो जाती। 19 वर्षीय मनीष निवासी जोड़ा फाटक धर्मपुरा का मोबाइल फोन नहीं मिला। रेलवे ट्रैक पर बुरी तरह घायल मनीष को अस्पताल लाया गया, जहां उसकी भी मौत हो गई। ज्योती कुमारी जो अपने 20 साल के बेटे का शव लेने अस्पताल गई थीं बताती हैं कि उनके बेटे वासु की सोने की चेन, 20 हज़ार का फोन और पर्स सब गायब था।
लाशों के बगल में खड़े होकर सेल्फी
हादसे के कई वीडियो सामने आ चुके हैं और वीडियो में देखा जा सकता है कि ट्रेन एक्सिडेंट होने के बाद भी वहां मौजूद लोग सेल्फी लेने और वीडियो बनाने का काम करते रहे। हादसे को लेकर राजनीति भी हो रही है।
लोगों ने हाथ तो बढ़ाए लेकिन मदद के लिए नहीं लूटने के लिए
लोगों ने हाथ तो बढ़ाए, लेकिन चोरी करने के लिए और शायद इतनी ओछी हरकत करने वाले दोबारा पलट कर भी नहीं देखकर गए होंगे उन लोगों को जो ट्रैक पर पड़े तड़प रहे थे। ये पहली बार नहीं जब भारत में ऐसी असंवेदनशीलता दिखाई गई हो. पहले भी ऐसे कई वीडियो सामने आए हैं जहां लोग एक्सिडेंट के बाद किसी इंसान की जान बचाने की जगह चोरी करते नजर आए हैं। बात राजधानी दिल्ली की ही करें तो यहां सिक्योरिटी गार्ड की सड़क हादसे में मौत हो गई थी, लेकिन एक रिक्शा चलाने वाला उसका फोन लेकर भाग गया था।