अमृतसर में जिस ट्रेन से हुआ दिल दहला देने वाला हादसा, उसमें सवार यात्रियों ने क्या कहा...
नई दिल्ली। दशहरे के दिन अमृतसर में हुए दर्दनाक ट्रेन हादसे में 61 लोगों की जान चली गई जबकि 70 से अधिक लोग घायल हो गए थे। इस हादसे ने कई सारे सवाल खड़े किए हैं। वहीं, हादसे के वक्त उस डीएमयू में बैठे हुए कुछ यात्रियों से जब बात की गई तो उन्होंने जो कुछ कहा वो हैरान करने वाला था। जोरा फाटक से गुजरते वक्त ट्रेन की चपेट में आने से 61 लोगों की मौत हो गई जबकि ट्रेन के गुजरने के बाद घटनास्थल पर किसी के हाथ कटे मिले तो किसी का पैर पटरी पर पड़ा मिला था।
हादसे के वक्त ट्रेन में सवार लोगों ने क्या कहा?
हादसे के वक्त ट्रेन में सवार कुछ यात्रियों ने कहा कि रेल लगातार हॉर्न दे रही थी और जब हादसे वाली जगह से गुजरी तो उन्हें कुछ महसूस नहीं हुआ, ना ही उन्होंने कुछ देखा। अमृतसर के पुतलीघर के रहने वाले गुरविंदर ने बताया, 'उस दिन ट्रेन यात्रियों से खचाखच भरी हुई थी। सुबह, जब मैं जलंधर के लिए निकला था, अमृतसर के धोभी घाट पर दशहरा समारोह के लिए तैयारी चल रही थी। जब ट्रेन जौरा फाटक के पास आई, तो मैं दरवाजे के पास आया और देखा कि रावण का पुतला जल रहा था। वहां से ट्रेन हॉर्न देते हुए धोभी घाट के निकल गई।
'उस वक्त कुछ पता नहीं चला'
गुरविंदर ने कहा कि उस वक्त उन्हें कुछ पता नहीं चला। घर जाने पर एक दोस्त का फोन आया कि अमृतसर में एक ट्रेन ने लोगों को कुचल दिया। तो उन्होंने सोचा कि हावड़ा मेल से हादसा हुआ होगा। लेकिन ये हादसा तो डीएमयू से ही हुआ था जिससे वो घर पहुंचा था। गुरविंदर को इस बात का यकीन नहीं हो रहा था।
लोगों को हादसे की खबर घर जाकर लगी
एक अन्य यात्री ने अपना नाम न छापने की शर्त पर कहा कि ट्रेन काफी आवाज कर रही थी और जौरा फाटक पार करते वक्त उन्हें केवल रावन दहन के वक्त पटाखे जलने की आवाज ही सुनाई दे सकी। उन्हें हादसे के बारे में गंतव्य पर पहुंचने के बाद ही मालूम हो पाया। वहीं, एक अन्य यात्री ने भी कहा कि हादसे के बारे में जानकारी घर जाने के बाद ही लगी।
61 लोगों की हुई थी मौत
राम शरण ने बताया कि ट्रेन में सोने के बाद अचानक जब ब्रेक लगा तो नींद खुली, लेकिन उस वक्त तक ट्रेन धोबी घाट को पार कर चुकी थी और उन्हें कुछ महसूस नहीं हुआ था। बाद में उन्हें एक दोस्त ने बताया कि ट्रेन से कुचलकर कई लोगों की मौत हो गई है। उस वक्त कुछ भी मालूम नहीं पड़ा था।