अमृतसर हमले में बड़ा खुलासा, लाहौर में बैठकर रची गई थी पूरे हमले की साजिश
नई दिल्ली। रविवार को हुए अमृतसर ग्रेनेड हमले की जांच से सामने आया कि इसकी साजिश लाहौर में रची गई थी जिसमें जर्मनी और कनाडा में रहने वाले खालिस्तानी समर्थकों की भी बड़ी भूमिका रही है। इन्होंने ही अमृतसर में ग्रेनेड हमले का प्लान तैयार किया था। दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर ये बातें बताई हैं। अधिकारी का कहना है कि ये हमला पंजाब में फिर आतंकवाद की जड़े जमाने की कोशिश है लेकिन वे इसमें कामयाब नहीं हो पाएंगे।
ग्रेनेड हमले के तार सीधे तौर पर पाकिस्तान से जुडे़
कुछ अधिकारियों के मुताबिक, एक स्थानीय मॉड्यूल इस्लामिक नेटवर्क के साथ हमले के लिए इस्तेमाल किया गया था और उसका हथियारों के लेनदेन के लिए इस्तेमाल किया जाता था। हमले की शुरुआती जांच में भी यह बात सामने आई है कि जो ग्रेनेड इस हमले में इस्तेमाल किया गया था वह पाकिस्तान की हथियार की फैक्ट्री में बनने वाले ग्रेनेड से जैसा है, इस पर पाकिस्तानी दस्तखत मिले हैं।
'लाहौर में रची गई थी साजिश'
अमृतसर ग्रेनेड हमले के बाद एनएसए अजित डोभाल ने जानकारी ली और एक हाई लेवल मीटिंग बुलाई गई। जांच के आधार पर ये पाया गया है कि निरंकारी भवन ब्लास्ट के तार सीधे तौर पर पाक के आईएसआई के जुड़े हैं। सूत्रों के मुताबिक, एनएसए अजित डोभाल के साथ इस मीटिंग में होम सेक्रेटरी राजीव गौबा, डीजीपी सुरेश अरोड़ा और कई बड़े अधिकारी शामिल थे। हालांकि पहले इनपुट था कि जैश के आतंकी आगामी चुनाव से पहले देश में कोई बड़ा हमला कर सकते हैं।
खालिस्तानी समर्थकों की बड़ी भूमिका
स्थानीय पुलिस के साथ जांच एजेंसियां हमले के पीछे की कड़ियों को जोड़ने में लगी हैं और संदेह है कि जाकिर मुसा का हाथ भी इसमें हो सकता है जिसने 2010 से 2013 तक मोहाली में पढ़ाई की थी। कुछ अधिकारियों के मुताबिक, विस्फोट की योजना खालिस्तानी समर्थकों की मदद से बनाई गई थी, जिन्होंने स्थानीय लोगों को हमले के लिए इस्तेमाल करने और फंड करने का काम किया। जबकि हमले के लिए ग्रेनेड का इंतजाम या तो मुसा या फिर सीमा पार जैश के नेटवर्क के जरिए किया गया।