यमुना नदी में अमोनिया का स्तर बढ़ा, HC ने हरियाणा से मांगा जवाब, NGT ने ठोका जुर्माना
नई दिल्ली। यमुना नदी में प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए हरियाणा सरकार से 4 फरवरी को जवाब मांगा है। हाई कोर्ट ने हरियाणा सरकार से यमुना नदी में अमोनिया के स्तर बढ़ने की वजह पूछते हुए विस्तार से जवाब देने के लिए कहा है। दिल्ली हाई कोर्ट इस मामले में अगली सुनवाई 5 फरवरी को करेगी। दिल्ली जल बोर्ड का आरोप है कि फैक्ट्रियों से निकलने वाला गंदा पानी सीधे यमुना नदी में आकर गिर रहा है और इससे दिल्ली वासियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
उधर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने भी यमुना नदी में बढ़ रहे प्रदूषण पर नाराजगी व्यक्त करते हुए दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश को 10-10 करोड़ रुपये का हर्जाना भरने के लिए कहा है। इसके लिए एनजीटी ने तीनों राज्यों को एक महीना का वक्त दिया है।
दिल्ली सरकार के अनुसार, नदी का पानी भारी प्रदूषित है, जिसकी वजह से उन्होंने 30 फीसदी तक फैक्ट्रियों में प्रोडक्शन पर रोक लगा दी है। यमुना में बढ़ते प्रदूषण के स्तर को देखते हुए दिल्ली सरकार ने हरियाणा को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया है। वर्तमान में यमुना में अमोनिया का लेवल 02.2 पार्ट्स पर मिलियन (ppm) है। यमुना में अमोनिया का स्तर बढ़ने से दिल्ली के घरों को स्वच्छ पानी नहीं मिल पा रहा है।
वहीं, एनजीटी चेयरपर्सन जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने राज्य सरकारों को केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के साथ एक भविष्य में इस प्रकार की लापरवाही न होने के लिए गारंटी देने का निर्देश दिया है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इस संबंध में आगे किसी भी प्रकार की चूक नहीं हो। ट्रिब्यूनल ने तीनों राज्यों के मुख्य सचिव को भी चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर किसी भी कोई भी इसका अनुपालन नहीं करते हैं तो वे स्वयं इसके लिए व्यक्तिगत रूप से उत्तरदायी होंगे।