शाह ने हेमा मालिनी, संगीत सोम को दी चेतावनी, कहा- संभल कर बोलें
नई दिल्ली। बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने यूपी के अपने विधायकों और सांसदों को सख्त लहजे में चेतावनी देते हुए सलाह दी है कि वे 2019 चुनावों के मद्देनजर जनता के बीच सोच-समझकर बोलें। बंद कमरे में हुई एक बैठक में शाह ने विधायकों को क्षेत्रों का दौरा तेज करने और लोगों को केंद्र सरकार की योजनाओं के बारे में बताने-समझाने का निर्देश दिया हैं। बैठक के दौरान शाह ने विशेष रूप से संगीत सोम, हेमा मालिनी, सुरेश राणा, मुरली मनोहर जोशी, संजीव बल्याण और राजेंद्र अग्रवाल को चेतावनी दी और उनसे विवादास्पद बयान देने से बचने की सलाह दी।
शाह ने पार्टी के नेताओं को सलाह दी कि, सांसदों-विधायकों अपने-अपने इलाके के गांवों का दौरा करें। नेताओं से एक गांव में कम से कम 20 घरों में जाकर चाय पीने और जनसंपर्क करने की सलाह भी दी गई हैं। शाह का यह निर्देश कुछ मीडिया रिपोर्टों को देखते हुए काफी अहम माना जा रहा है जिसमें कहा गया है कि 2019 आम चुनाव में आधे से ज्यादा मौजूदा सांसदों के टिकट कट सकते हैं।
फिल्मों से राजनीति में आईं हेमा मालिनी विवादित बयानों की वजह से चर्चाओें में रहती हैं। हेमा ने कहा था कि अगर वह चाहें तो एक मिनट में मुख्यमंत्री बन सकती हैं लेकिन उन्हें बंधन पसंद नहीं है। इससे पहले उन्होंने मुंबई में कमला मिल्स में लगी आग के लिए जनसंख्या को जिम्मेदार ठहराया था। दूसरी तरफ, बीजेपी के अनुभवी नेता मुरली मनोहर जोशी अपने निर्वाचन क्षेत्र कानपुर की यात्रा ना करने के लेकर चर्चा में आए थे।
उत्तर प्रदेश में सरधाना के बीजेपी विधायक सोम ने पिछले साल कहा था , ताजमहल को 'भारतीय संस्कृति पर कलंक' बताते हुए कहा है कि ताजमहल का निर्माण 'गद्दारों' ने किया था। संगीत सोम ने मुगल बादशाहों बाबर, औरंगज़ेब और अकबर को 'गद्दार' कहा, और दावा किया कि उनके नाम इतिहास से मिटा दिए जाएंगे। वहीं मुजफ्फरनगर से सांसद और केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री संजीव बालियान ने सपा के संस्थापक मुलायम सिंह यादव के खिलाफ विवादित टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था कि, हमेशा सांप्रदायिक राजनीति मुलायम सिंह यादव ने की थी। मैं उनसे कहूंगा कि अब तो मरने का समय आ गया जीने का समय उनका अब रहा नहीं। समाजवादी पार्टी इसी चुनाव में दफन हो जाएगी।
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