कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न के मामलों के लिए मंत्री समूह का पुनर्गठन, अमित शाह करेंगे अध्यक्षता
नई दिल्ली: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न को रोकने के लिए गठित चार कैबिनेट मंत्रियों के एक पैनल की अध्यक्षता करेंगे। मंत्रालय के प्रवक्ता से इसकी जानकारी देते हुए कहा कि कार्यकर्ताओं ने मीटू अभियान की आधिकारिक प्रतिक्रिया की आलोचना की। मोदी सरकार के पूर्व विदेश राज्यमंत्री एमजे अकबर और चीफ जस्टिस पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों के बीच देश में इसे लेकर सार्वजिनक आक्रोश देखा गया। गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने नए पैनल में महिला और बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को शामिल किया गया है। इसकी स्थापना पिछले सप्ताह की गई।
प्रवक्ता एस हरित केतन ने बताया कि मंत्रियों के समूह की स्थापना 18 जुलाई को की गई, क्योंकि पिछला पैनल नई सरकार के गठन से पहले ही खत्म हो गया था। मई में पीएम मोदी की अगुवाई में बीजेपी ने लगातार दूसरी बार सत्ता हासिल की थी। पिछले पैनल का गठन मीटू अभियान के बाद किया गया था। इस पैनल ने कई सार्वजनिक सिफारिश नहीं की थी। ये अभियान सबसे पहले अमेरिका की एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री ने साल 2018 के अंत में किया था।
आरोपों के सामने आने के एक साल बाद कार्यकर्ताओं का कहना है कि भारत में कुछ आरोपियों के खिलाफ मानहानि के मुकदमों के बाद अभियान शांत हो गया है। एमजे अकबर ने यौन उत्पीड़न के आरोपों के बाद इस्तीफा दे दिया था। उन्हें एक मामले में मुकदमा दर्ज किया है। वहीं चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया रंजन गोगोई को मई में जस्टिसों के एक पैनल ने क्लीन चिट दे दी थी। दोनों ने खुद पर लगे आरोपों को खारिज कर दिया था। कांग्रेस की सुष्मिता देव ने कहा कि सरकार को घेरते हुए कहा कि यह एक निष्कर्ष है कि अतीत में कुछ भी नहीं किया गया था। इसी वजह से कार्यवाही छिपाई गई थी। नई समिति को सभी हितधारकों के साथ परामर्श करना चाहिए और मौजूदा कानून की अच्छी तरह से जांच करनी चाहिए।
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