कोलकाता में NRC को लेकर अहम सेमिनार, अमित शाह होंगे शामिल
नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह एक अक्टूबर को पश्चिम बंगाल के कोलकाता शहर में होने वाली एनआरसी और नागरिकता बिल 2019 को लेकर अहम सेमिनार में हिस्सा लेंगे। ऐसे में हर किसी नजर इस अहम बैठक पर बनी हुई है। अमित शाह इस दौरान कोलकाता में होने वाली दुर्गा पूजा में भी हिस्सा लेंगे। बता दें कि गृह मंत्री बनने के बाद अमित शाह का यह पहला पश्चिम बंगाल का दौरा है। अमित शाह का इस सेमिनार में हिस्सा लेना इसलिए भी अहम है क्योंकि यह ऐसे समय में हो रही है जब एनआरसी के मुद्दे पर पश्चिम बंगाल में 11 लोगों की कथित रूप से मौत हो चुकी है।
लोगों
की
भारी
भीड़
प्रदेश
में
एनआरसी
की
वजह
से
सैकड़ो
की
सख्या
में
लोग
सरकारी
दफ्तर
और
निकाय
के
कार्यालय
में
अपना
जन्म
प्रमाण
पत्र
लेने
के
लिए
पहुंच
रहे
हैं,
क्योंकि
इस
दस्तावेज
को
एनआरसी
में
शामिल
करने
के
लिए
काफी
अहम
घोषित
किया
गयाहै।
शाह
कई
बार
इस
बात
को
दोहरा
चुके
हैं
कि
एनआरसी
को
पूरे
देश
में
लागू
किया
जाएगा,
वहीं
पश्चिम
बंगाल
की
मुख्यमंत्री
ममता
बनर्जी
भी
साफ
कर
चुकी
हैं
कि
बंगाल
में
एनआरसी
को
लागू
नहीं
होने
देंगी।
ममता
के
आरोपों
का
देंगे
जवाब
भाजपा
के
सूत्रों
के
अनुसार
माना
जा
रहा
है
कि
अमित
शाह
इस
सेमिनार
में
ममता
बनर्जी
द्वारा
लगाए
गए
सभी
आरोपों
का
जवाब
देंगे।
इसके
लिए
एनआरसी
को
लेकर
जो
भी
गलत
धारणा
बनाई
गई
है
उसपर
सफाई
देंगे।
प्रदेश
के
वरिष्ठ
भाजपा
नेता
ने
बताया
कि
टीएमसी
ने
जानबूझकर
लोगों
के
बीच
एनआरसी
को
लेकर
तनाव
फैलाने
की
कोशिश
की
है।
लिहाजा
अमित
शाह
हमारे
बीच
एनआरसी
की
सही
तस्वीर
सामने
रखेंगे,
जिससे
कि
लोगों
के
बीच
भय
और
डर
का
माहौल
खत्म
हो
सके।
19
लाख
लोगों
के
नाम
बाहर
बता
दें
कि
असम
देश
का
एकमात्र
ऐसा
शहर
है
जहां
पर
एनआरसी
रजिस्टर
को
अपडेट
किया
गया
है,
जिसमे
19
लाख
से
अधिक
लोगों
के
नाम
को
बाहर
कर
दिया
गया
है।
फाइनल
लिस्ट
को
31
अगस्त
को
जारी
किया
गया
था,
जिसमे
से
19
लाख
लोगों
के
नाम
शामिल
नहीं
हैं,
जिसमे
से
12
लाख
हिंदू
हैं।
बता
दें
कि
एनआरसी
असम
समझौता
1985
का
एक
प्रावधान
है,
जिसे
सुप्रीम
कोर्ट
की
निगरानी
में
किया
गया
है।
जिस
तरह
से
19
लाख
लोगों
के
नाम
एनआरसी
से
बाहर
हो
गए
हैं,
उसके
बाद
बिगड़े
माहौल
की
वजह
से
11
लोगों
की
कथित
रूप
से
मृत्यु
हो
गई
है।