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अंकित शर्मा और रतनलाल के हत्यारों को हमने गिरफ्तार कर लिया है: अमित शाह

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नई दिल्ली। दिल्ली हिंसा पर राज्यसभा में जवाब देते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि इस हिंसा में जो भी दोषी है उसे बख्शा नहीं जाएगा, फिर चाहे वह किसी भी पार्टी, गुट का हो। शाह ने कहा कि ना दंगे करने वाले और दंगा करवाने वालों को छोड़ा नहीं जाएगा, उन्हें कोर्ट के सामने खड़ा किया जाएगा। हम ऐसे लोगों के बीच आईपीसी और सीआरपीसी का भय देखना चाहते हैं, ताकि भविष्य में में इस तरह की घटना नहीं हो। शाह ने कहा कि हम चर्चा से कतई नहीं भाग रहे हैं, हम कुछ भी छिपाना नहीं चाहते हैं। लोकतंत्र इस समय पड़ाव पर पहुंच चुका है जहां कोई कुछ भी छिपाना चाहे तो छिपा नहीं सकता है। शाह ने कहा कि दंगों की जांच के लिए 2 एसआईटी का गठन किया गया है, हम एक और एसआईटी का गठन करने जा रहे हैं। ऐसी कोई भी कार्रवाई नहीं की जाएगी जिससे किसी भी धर्म या जाति वाले निर्दोष लोग परेशान हों।

amit shah

700 एफईआर दर्ज की गई

अमित शाह ने कहा कि दंगे के बाद अबतक 700 एफआईआर दर्ज की गई है। जिसने भी शिकायत की, एफआईआर दर्ज कराई गई है। 2647 लोगों को गिरफ्तार और हिरासत में लिया गया है। वैज्ञानिक तरीके से गिरफ्तारी हो रही है। 1922 लोगों की पहचान कर ली गई है। इन लोगों के चेहरे दंगा करते हुए, लोगों का नुकसान करते हुए, पथराव करते हुए, हत्या करते हुए दिख रहे हैं। 334 यूपी के लोग भी इसमे शामिल हैं। लोगों के चेहरे की पहचान उनके वोटर कार्ड और ड्राइविंग लाइसेंस के आंकड़े से किए गए हैं। आधार कार्ड के डेटा का इस्तेमाल नहीं किया गया है। आर्म्स एक्ट के 49 मामले दर्ज हुए हैं, 52 लोगों की गिरफ्तारी हुई है, जबकि तकरीबन 100 हथियार जब्त किए गए हैं।

सुनियोजित षड़यंत्र के तहत हुआ दंगा

जिन लोगों की पहचान की गई है उनकी गिरफ्तारी के लिए 40 लोगों की टीम बनाई गई है। जो इन दंगाइयों के घर जाकर उनकी गिरफ्तारी करेगी। शाह ने कहा कि 24 फरवरी से पहले ही हमे सूचना मिल चुकी थी कि कैसे विदेश और देश से पैसे आए और इसे लोगों को बांटा गया। इसकी जांच प्राथमिक रूप से चल रही थी और इस बीच दंगा हो गया। पैसे भेजने के लिए, लेने, देने और हवाला करने के मामले में 5 लोगों की गिरफ्तारी हमने कर ली है। शाह ने कहा कि दिल्ली दंगे सुनियोजित षड़यंत्र के तहत हुआ है।

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अंकित शर्मा और रतनलाल के हत्यारों को गिरफ्तार किया

अमित शाह ने कहा कि दंगों के पहले और दंगों के दौरान कई अकाउंट को बंद कर दिया है हमने। कुछ अकाउंट ऐसे हैं जिन्हें दंगों के दो दिन बाद बंद कर दिया गया। लेकिन इन लोगों को हम पाताल से भी ढुंढ़कर लाएंगे। हमे आईएस के भी लोग मिले हैं, इन लोगों को भी हमने पकड़ लिया है। मैं सदन को कहना चाहता हूं जो दो जांबांज अधिकारी शहीद हुए हैं उनको मारने वालों को हमने गिरफ्तार कर लिया है। जिसने अंकित शर्मा पर चाकू चलाया उसे हमने पकड़ लिया है। रतनलाल पर पत्थर चलाने वालों की भी पहचान हो चुकी है और उन्हें हमने गिरफ्तार कर लिया है।

सीएए नागरिकता लेने का नहीं देने का कानून

अमित शाह ने कहा कि सीएए के तहत किसी की भी नागरिकता लेने का कानून है ही नहीं, सीएए नागरिकता देने का कानून है। कपिल सिब्बल को जवाब देते हुए शाह ने कहा कि मैं कहता हूं कि सदन में बैठे हुए सारे विद्वान लोग हैं, सीएए कानून में मुझे कोई भी ऐसा प्रावधान बता दीजिए जिससे मुसलमानों की नागरिकता चली जाए। जिसपर सिब्बल ने कहा कि कोई नहीं कह रहा है कि सीएए किसी की नागरिकता छीनेगा। कानून ये कहता है कि जब एनपीआर होगा तो उसमे 10 सवाल और पूछे जाएंगे, जो राज्य सरकार का अध्यक्ष है वह यह पूछेगा और उसके बाद वह संदिग्ध लगा देगा। यह मुसलमानों के प्रति नहीं है, यह गरीबों के खिलाफ है।

एनपीआर को लेकर साफ की स्थिति

अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस के कई नेताओं ने यह बयान दिया है कि सीएए मुसलमानों के खिलाफ है। मैंने खुद कहा है कि एनपीआर के तहत कोई दस्तावेज नहीं मांगा जाएगा। अगर जानकारी नहीं है तो भी कोई दिक्कत नहीं, जितनी जानकारी आप देना चाहते हैं, उसे देने के लिए आप आजाद हैं। किसी को एनपीआर की प्रक्रिया से डरने की जरूरत नहीं है। इसके बाद सदन में हंगामा होने लगा। गुलाम नबी आजाद ने पूछा कि क्या एनपीआर अगर किसी सवाल का जवाब नहीं दिया जाता है तो क्या आप उस सवाल के आगे D यानि संदिग्ध नहीं लगाएंगे। जिसपर अमित शाह ने कहा कि नहीं लगेगा। यही नहीं अमित शाह ने गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा सहित तमाम नेताओं से कहा कि अगर आप फिर भी कोई सवाल जवाब करना चाहते हैं तो आप मेरे साथ चर्चा करने आ सकते हैं।

हेट स्पीच को लेकर दिया जवाब
14 दिसंबर को भाषण हुआ, उसमे कई लोगों ने कहा कि आर-पार की लड़ाई है, बाहर नहीं निकलें तो कायर कहलाएंगे। जिसके बाद 15 दिसंबर को झड़प हुई। 17 फरवरी को युवा ने अमरावती महाराष्ट्र में भाषण किया, जब ट्रंप यहां आएं तब मालूम चलना चाहिए कि हिंदुस्तान के हुक्मरानों का क्या रवैया है। 19 फरवरी को एक पार्टी के नेता ने कहा कि हम 15 करोड़ हैं, हम 100 करोड़ पर भारी हैं। बाद में 23 फरवरी को नॉर्थ-ईस्ट में कई जगह धरने शुरू हुए और बाद में प्रदर्शन सांप्रदायिक दंगे हो गए। देश और दुनिया के सामने आना चाहिए कि जज के ट्रांसफर का आदेश कॉलेजियम करता है, तमाम प्रक्रिया का पालन करते हुए किया गया। इसका किसी एक केस से लेना देना नहीं है और ये कैसी मानसिकता है कि सिर्फ एक ही जज न्याय करेंगे बाकी जज न्याय नहीं करेंगे।

कांग्रेस पर जमकर बोला हमला

अमित शाह ने कहा कि जो हेट स्पीच हुए, पैसा भेजने की साजिश, कुछ अकाउंट का 23 को खुलना, 25 को बंद हो जाना, ट्रंप जब आए तब ताकत दिखाना है। कुछ सदस्य ये तक बोले कि स्टेट स्पॉन्सर दंगे हैं। दंगे कराना हमारा फितरत नहीं है साहब। इस दौरान देश में अलग-अलग दंगों का जिक्र करते हुए शाह ने कहा कि इस दौरान हम सत्ता में नहीं थे। हम सत्ता में थे तब सिर्फ गुजरात में दंगे हुए। दंगे में मरने वाले 70 फीसदी लोग कांग्रेस के समय के हैं। दंगे को मेरी पार्टी और मेरी पार्टी की विचारधारा से जोड़ना निंदनीय है। सोशल मीडिया के लोगों से विनती करना चाहता हूं कि अभी ऐसा कुछ नहीं करें जिससे ताजा जख्म हरे हों। हम सभी प्रशासन और पुलिस सका सहयोग करें। जिनका नुकसान हुआ है उनके पुनर्वसन में मदद करें। सीएएस, एनपीआर को लेकर किसी भी तरह की शंका ना रखें। गृहमंत्री ने कहा कि जो मर गए हैं उनके परिवार की नुकसान की भरपाई मैं नहीं कर सकता है, लेकिन आप इतना भरोसा रखना एक भी दंगाई छूट ना पाए, किसी भी धर्म का, किसी भी जाति का इसका हम भरोसा देते हैं।

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English summary
Amit Shah says nobody will be spared involved in Delhi riot be it of any party.
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