BJP ने क्यों किया अजित पवार पर भरोसा, अमित शाह ने बताई असली वजह
अमित शाह ने अपनी चुप्पी तोड़ते हुए बताया है कि भाजपा ने अजित पवार के ऊपर भरोसा क्यों किया?
नई दिल्ली। महाराष्ट्र में चल रहे सियासी घमासान के बीच उस वक्त बड़ा मोड़ आ गया, जब देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने देवेंद्र फडणवीस की सरकार को सदन के भीतर बहुमत साबित करने का आदेश दिया था, लेकिन फ्लोर टेस्ट से पहले ही भाजपा की सरकार गिर गई। देवेंद्र फडणवीस ने इस्तीफा देने के बाद अजित पवार से हाथ मिलाने को लेकर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए कहा कि वो सही समय आने पर सही बात बताएंगे। वहीं, महाराष्ट्र के घटनाक्रम को लेकर अब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी चुप्पी तोड़ते हुए बताया है कि भारतीय जनता पार्टी ने अजित पवार के ऊपर भरोसा क्यों किया?
'भाजपा अजित पवार के पास नहीं गई, बल्कि'
रिपब्लिक टीवी को दिए गए एक इंटरव्यू में अमित शाह से महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर सवाल पूछे गए। सवालों के जवाब में अमित शाह ने कहा, 'भारतीय जनता पार्टी ने कभी भी अपनी विचारधारा से समझौता नहीं किया और ना ही अजीत पवार से किसी तरह का कोई संपर्क किया। भाजपा अजित पवार के पास नहीं गई थी, बल्कि अजीत पवार हमारे पास आए थे। महाराष्ट्र में भाजपा ने शिवसेना के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ा था और यह चुनाव पूर्व गठबंधन था। भाजपा ने जितनी सीटों पर चुनाव लड़ा, उनमें से 70 फीसदी सीटें जीतीं। स्पष्ट तौर पर महाराष्ट्र की जनता का जनादेश तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के पक्ष में था।'
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'हमने शिवसेना को CM पद का कोई आश्वासन कभी नहीं दिया'
अमित शाह ने आगे कहा, 'महाराष्ट्र के जनादेश का अपमान करने का काम शिवसेना ने किया है, भाजपा ने नहीं। विधायकों के कैंप लगाने वालों, चुनाव से पहले का गठबंधन तोड़ने वालों को दोष ना देकर आज भाजपा का दोष बताया जा रहा है। अपनी विचारधारा छोड़कर, सभी मूल्यों को त्यागकर ये तीन पार्टियां सरकार बनाने जा रही हैं। मैं पुनः स्पष्ट करता हूं कि हमने शिवसेना को मुख्यमंत्री पद का कोई आश्वासन कभी नहीं दिया। हमने हर बार, यहां तक कि जिन सभाओं में आदित्य ठाकरे या उद्धव जी हमारे साथ स्टेज पर थे, हमने वहां भी कहा कि देवेंद्र फडणवीस महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बनेंगे, तब इन्होंने क्यों विरोध नहीं किया?'
'शिवसेना के विधायक हमारे साथ लड़कर ही चुनाव जीते'
विधायकों की खरीद फरोख्त को लेकर पूछे गए सवाल पर अमित शाह ने कहा, 'शिवसेना के सभी विधायक हमारे साथ लड़कर ही चुनाव जीते हैं। उनका एक भी विधायक ऐसा नहीं है, जिसने मोदी जी का पोस्टर ना लगाया हो। उनकी विधानसभाओं में भाजपा की विधानसभाओं से भी बड़े कटआउट्स मोदी जी के लगे थे। क्या ये सब देश और महाराष्ट्र की जनता नहीं जानती है? मुख्यमंत्री पद का लालच देकर समर्थन लेना खरीद फ़रोख़्त नहीं है क्या? मैं शरद जी और सोनिया जी को कहता हूं कि एक बार बोलकर देखें कि मुख्यमंत्री उनका होगा और फिर शिवसेना का समर्थन लें। लगभग 100 सीटों वाला गठबंधन 56 सीट वाली पार्टी को मुख्यमंत्री पद दे रहा है, ये खरीद फ़रोख़्त ही है।'
चिंता मत कीजिए, सही समय पर सही बात बताऊंगा'
वहीं, बुधवार को विधायक के तौर पर शपथ लेने के लिए जब देवेंद्र फडणवीस विधानसभा पहुंचे तो उन्होंने पत्रकारों से बात की। इस दौरान उनसे पूछा गया कि क्या अजित पवार से हाथ मिलाना उनकी गलती थी? इस सवाल के जवाब में देवेंद्र फडणवीस ने कहा, 'चिंता मत कीजिए, सही समय आने पर मैं सही बात बताऊंगा।' बुधवार को बुलाए गए विधानसभा के विशेष सत्र में एनसीपी नेता अजित पवार भी पहुंचे। अजित पवार ने मीडिया के सामने बयान देते हुए कहा, 'मैंने कभी पार्टी नहीं छोड़ी। मैं एनसीपी के साथ था, मैं एनसीपी के साथ हूं और एनसीपी के साथ रहूंगा। पिछले कुछ दिनों में मीडिया ने मेरे बारे में गलत जानकारी दी है और मैं उचित समय आने पर इसपर अपनी प्रतिक्रिया दूंगा।' विधानसभा पहुंचने पर शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले ने गले लगाकर अजित पवार का स्वागत किया। सुप्रिया सुले ने अजित पवार के पैर भी छुए।
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