आपातकाल के 47 साल: अमित शाह का कांग्रेस पर चौतरफा हमला, बोले-निर्दयता में विदेशी शासन को भी पीछे छोड़ दिया
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने शनिवार को आपातकाल के 47वें साल पर कांग्रेस पर चौतरफा हमला किया।
नई दिल्ली, 25 जून : केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने शनिवार को आपातकाल के 47वें साल पर कांग्रेस पर चौतरफा हमला किया। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि 1975 में आज ही के दिन कांग्रेस ने सत्तामोह में रातों-रात आपातकाल लगा दिया था। इस दौरान हर भारतीय के संवैधानिक अधिकारों को छीन लिया था। कांग्रेस ने निर्दयता में विदेशी शासन को भी पीछे छोड़ दिया था। उन्होंने कहा कि इस तानाशाही मानसिकता के विरुद्ध लोकतंत्र की पुनर्स्थापना के महायज्ञ में अपना सर्वस्व अर्पण करने वाले सभी देशभक्तों को मैं नमन करता हूं।
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बता दें कि 25 जून 1975 की आधी रात को तात्कालीन राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद ने संविधान के अनुच्छेद-352 के तहत आपातकाल की घोषणा की। तात्कालीन प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी को इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा 1971 के लोकसभा चुनाव में उनकी जीत को अमान्य घोषित करने के बाद उनके इस्तीफे के लिए बड़े पैमाने पर विरोध का सामना करने के बाद आपातकाल लगाया गया था।
आपातकाल को काला दौर माना जाता है
इंदिरा गांधी सरकार ने पाकिस्तान के साथ हाल ही में समाप्त युद्ध को उजागर करते हुए राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरों का हवाला दिया। आपातकाल को स्वतंत्र भारत के इतिहास में एक काला दौर माना जाता है। इस अवधि को सेंसरशिप, मानवाधिकारों के उल्लंघन और राज्य की कैद की रिपोर्टों द्वारा चिह्नित किया गया था।
अमित शाह ने आपातकाल को क्रूर यातना बताया
18 महीने बाद आपातकाल को हटा लिया गया और 1977 में नए चुनाव हुए। कांग्रेस 1947 के बाद पहली बार सत्ता से बाहर हो गई, जिसमें इंदिरा गांधी और उनके बेटे संजय गांधी दोनों रायबरेली और अमेठी से हार गए। पिछले साल शाह ने आपातकाल को 'क्रूर यातना' और '21 महीने के क्रूर शासन' का दौर बताया था।