महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ सीएम पद की रार पर पहली बार बोले अमित शाह, राष्ट्रपति शासन को लेकर कही ये बात
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नई दिल्ली। महाराष्ट्र में बीजेपी और शिवसेना के गठबंधन टूटने के बाद राज्य में राष्ट्रपति शासन लग गया है। सीएम पद को लेकर दोनों पार्टियों के बीच शुरू हुआ विवाद हर दिन नया मोड़ ले रहा है। इसी बीच बीजेपी के अध्यक्ष अमित शाह ने मुख्यमंत्री पद को लेकर शुरू हुए विवाद पर पहली बार प्रतिक्रिया दी है। अमित शाह ने कहा कि, 'चुनाव के पहले पीएम और मैंने सार्वजनिक तौर पर कहा कि अगर हमारा गठबंधन जीता तो देवेंद्र फडणवीस सीएम होंगे। तब किसी को आपत्ति नहीं हुई। अब वह एक नई मांग को लेकर आ गए हैं, जो हमें स्वीकार नहीं है।
शिवसेना की 50-50 की मांग गलत
शाह ने कहा कि, शाह ने कहा कि इससे पहले किसी भी राज्य में सरकार बनाने के लिए 18 दिन जितना समय नहीं दिया था। राज्यपाल ने विधानसभा कार्यकाल समाप्त होने के बाद ही पार्टियों को आमंत्रित किया। ना तो शिवसेना और न ही कांग्रेस-राकांपा ने दावा किया और ना ही हमने। राज्यपाल ने संविधान के नियमों का पालन किया। अगर आज भी किसी पार्टी के पास संख्या है तो वह राज्यपाल से संपर्क कर सकती है।
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शिवसेना 2 दिन मांग रही थी, राज्यपाल ने 6 महीने का मौका दे दिया
उन्होंने कहा- मैं मानता हूं कि राज्यपाल ने उचित काम किया है। आज भी सभी लोग सरकार बना सकते हैं। शिवसेना 2 दिन मांग रही थी, राज्यपाल ने 6 महीने का मौका दे दिया है। कपिल सिब्बल जैसे वकील ऐसे बयान दे रहे हैं कि मौका छीन लिया। आपको पूरा मौका है। यह स्पष्ट करने के लिए ही मैं यहां पर हूं कि सबके पास मौका है।
नई शर्तें पर हमें दिक्कत है: शाह
बीजेपी अध्यक्ष ने कहा, 'मेरी पार्टी का संस्कार कमरे में हुई बात को सार्वजनिक करे। राज्यपाल डालने के कारण सबसे बड़ा नुकसान बीजेपी का हुआ है। केयरटेकर सरकार चली गई। विपक्ष का नहीं हुआ। हमने विश्वासघात नहीं किया है। हम तो शिवसेना के साथ सरकार बनाने के लिए तैयार थे। शिवसेना की कुछ चीजें हम मान नहीं सकते थे। पीएम मैंने और फडणवीस ने कई बार कहा कि अगर हमारी गठबंधन की सरकार आती है तो सीएम फडणवीस होंगे। नई शर्तें पर हमें दिक्कत है, पार्टी उचित समय पर इसपर विचार करेगी।
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