दिल्ली: रामलीला मैदान पहुंचना चाहते हैं किसान, अमित शाह ने बीजेपी अध्यक्ष के साथ देर रात की बैठक
नई दिल्ली: मोदी सरकार मानसून सत्र में जो कृषि कानून लेकर आई थी, उसका विरोध तेज हो गया है। गुरुवार से ही पंजाब-हरियाणा के किसान दिल्ली कूच की कोशिश कर रहे हैं। जिनको बलपूर्वक बॉर्डर पर पुलिस ने रोक रखा है। इस बीच गृहमंत्री अमित शाह ने किसानों को सशर्त बातचीत का न्योता दिया था, जिसे किसान नेताओं ने ठुकरा दिया है। इस बीच रविवार देर रात बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने गृहमंत्री अमित शाह के साथ एक अहम बैठक की।
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सूत्रों के मुताबिक गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर रविवार देर रात बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के दिल्ली स्थित आवास पर पहुंचे। इस दौरान किसान आंदोलन को लेकर विस्तार से चर्चा की। करीब दो घंटे चली इस बैठक में बीजेपी हाईकमान और सरकार ने क्या फैसला लिया, इस पर कोई अधिकारिक बयान अभी नहीं जारी हुआ है। सूत्रों ने बताया कि सरकार ने किसानों की दिल्ली को घेरने वाली चेतावनी को गंभीरता से लिया है।
ये
है
किसानों
की
चेतावनी
गृहमंत्री
अमित
शाह
ने
किसानों
से
शांति
बनाए
रखने
की
अपील
की
थी।
साथ
ही
कहा
था
कि
वो
बुराड़ी
के
निरंकारी
ग्राउंड
में
प्रदर्शन
करें।
तीन
दिसंबर
को
कृषि
मंत्री
नरेंद्र
सिंह
तोमर
उनसे
बात
करेंगे।
रविवार
को
हुई
बैठक
के
बाद
किसान
नेताओं
ने
गृहमंत्री
के
प्रस्ताव
को
खारिज
कर
दिया।
उन्होंने
कहा
कि
केंद्र
सरकार
ये
भूल
जाए
कि
किसान
सशर्त
बता
करेंगे।
ऐसा
प्रस्ताव
रखना
भी
किसानों
का
अपमान
है।
किसान
अब
भी
बॉर्डर
पर
डटे
हैं।
साथ
ही
उनकी
कोशिश
रामलीला
मैदान
में
प्रदर्शन
करने
की
है।
इसके
अलावा
किसानों
ने
दिल्ली
में
प्रवेश
करने
वाले
सभी
पांच
प्रवेश
बिंदु-
सोनीपत,
रोहतक,
जयपुर,
गाजियाबाद,
हापुड़
और
मथुरा
को
बंद
करने
की
चेतावनी
दी
है।
शाह
ने
अपने
बयान
पर
दी
सफाई
वहीं
रविवार
को
हैदराबाद
पहुंचे
अमित
शाह
के
सामने
जब
पत्रकारों
ने
किसान
आंदोलन
का
मुद्दा
उठाया
तो
उन्होंने
अपने
पुराने
बयान
पर
सफाई
दी।
उन्होंने
कहा
कि
मैंने
कभी
नहीं
कहा
कि
किसानों
का
आंदोलन
राजनीति
से
प्रेरित
है
और
ना
अब
मैं
ऐसा
कह
रहा
है।
शाह
के
मुताबिक
ये
कानून
किसानों
के
हित
के
लिए
है।
वहीं
दूसरी
ओर
हरियाणा
के
सीएम
मनोहर
लाल
खट्टर
का
बयान
शाह
के
बयान
से
एकदम
उलट
है।
उनके
मुताबिक
किसान
आंदोलन
को
राजनीतिक
दलों
का
समर्थन
है।