लोकसभा में बोले अमित शाह- अनुच्छेद 370 वापस लाने का वादा करने वाले हो गए साफ
नई दिल्ली: कोरोना महामारी के बीच संसद का बजट सत्र जारी है। राज्यसभा की कार्यवाही शुक्रवार को 8 मार्च तक के लिए स्थगित कर दी गई, जिस वजह से शनिवार को लोकसभा की कार्यवाही सुबह 10 बजे से शुरू हुई। पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट को लेकर विपक्षी दलों के सवालों का जवाब दिया। इसके बाद गृहमंत्री अमित शाह ने कई मुद्दों पर सदन के सामने अपनी बात रखी। साथ ही अनुच्छेद 370 को लेकर कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा।
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लोकसभा में अमित शाह ने कहा कि हमसे पूछा गया कि अनुच्छेद 370 को रद्द करने के दौरान जो वादे किए गए थे, उनका क्या हुआ? इस अनुच्छेद को निरस्त हुए 17 महीने का वक्त हो गया है और अब आप इसके लिए हिसाब मांग रहे। क्या आपने पिछले 70 सालों का हिसाब दिया? शाह के मुताबिक अगर कांग्रेस ने अपना काम ठीक से किया होता तो आज उसको ये पूछने की जरूरत ना पड़ती। उन्होंने आगे कहा कि मुझे कोई आपत्ति नहीं है, मैं हर चीज का हिसाब दूंगा, लेकिन जिनकी कई पीढ़ियों को शासन करने का मौका मिला था, उन्हें ये देखना चाहिए कि वो जवाब मांगने के लिए उपयुक्त हैं की नहीं।
शाह के मुताबिक कई सांसदों ने कहा कि जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2021 लाने का मतलब है कि जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा नहीं मिलेगा। मैं ये स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि ऐसा कहीं नहीं लिखा कि जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा नहीं मिलेगा। आप कहां से निष्कर्ष निकाल रहे हैं? उन्होंने कहा कि मैं फिर से कहता हूं कि इस विधेयक का जम्मू और कश्मीर के राज्य के दर्जे से कोई लेना-देना नहीं है। वक्त आने पर उसे राज्य का दर्जा दिया जाएगा।
'पुराने
दिनों
को
याद
करे
कांग्रेस'
मनीष
तिवारी
पर
हमला
करते
हुए
शाह
ने
कहा
कि
कांग्रेस
को
उन
दिनों
को
याद
करना
चाहिए,
जब
हजारों
लोग
मारे
गए,
कर्फ्यू
लगा
दिया
गया।
वो
डेटा
के
आधार
पर
स्थिति
को
समायोजित
करें।
कश्मीर
में
शांति
एक
बड़ी
बात
है।
मैं
अशांति
के
दिनों
को
याद
नहीं
करना
चाहता।
अब
कश्मीर
को
वैसे
दिन
नहीं
देखने
पड़ेंगे,
क्योंकि
ये
हमारी
सरकार
है।
उन्होंने
कहा
कि
जिन
लोगों
ने
जम्मू-कश्मीर
में
अनुच्छेद
370
लाने
के
आधार
पर
चुनाव
लड़ा
था,
वो
साफ
हो
गए
साफ।
उन्होंने
कहा
कि
हमारे
प्रतिद्वंदी
भी
नहीं
कह
सकते
की
डीडीसी
चुनाव
के
दौरान
कश्मीर
में
हिंसा
या
फिर
गड़बड़ी
हुई।
पंचायत
चुनाव
में
भी
वहां
51
प्रतिशत
वोट
पड़े,
जो
एक
बड़ी
बात
है।