यूपी जीत के बाद अब वामपंथियों के किले पर है अमित शाह की नजर
अमित शाह 'कांग्रेस मुक्त भारत' के बाद अब लेफ्ट मुक्त भारत' पर काम कर रहे हैं। इसी को लेकर अमित शाह की निगाहें केरल और त्रिपुरा में हैं। अमित शाह के इस खास प्लान की वजह भी कुछ खास है।
नई दिल्ली। हाल ही में पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने जबरदस्त प्रदर्शन किया है। 'कांग्रेस मुक्त भारत' का नारा देने वाले भाजपा अध्यक्ष अमित शाह काफी उत्साहित हैं। अमित शाह 'कांग्रेस मुक्त भारत' के अपने नारे के बाद अब 'लेफ्ट मुक्त भारत' पर काम कर रहे हैं। इसी को लेकर अमित शाह की निगाहें केरल और त्रिपुरा में हैं। अमित शाह के इस खास प्लान की वजह भी कुछ खास है।
7 मई से त्रिपुरा के दौरे पर अमित शाह
केरल और त्रिपुरा में वामपंथी सरकारे हैं। दोनों ही राज्यों में भाजपा काफी कमजोर रही है लेकिन अब अमित शाह इन प्रदेशों में भी भगवा लहराने का सपना देख रहे हैं। अगले साल विधानसभा चुनाव के देखते हुए शाह 7 मई को दो दिन के लिए त्रिपुरा जा रहे हैं।
शाह के दौरे पर पार्टी के केंद्रीय पर्यवेक्षक सुनील देवधर का कहना है कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह दो दिन के दौरे में वाम मोर्चा सरकार को सत्ता से बाहर करने के लिये पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ मंथन करेंगे। भाजपा की त्रिपुरा में खास दिलचस्पी की पांच वजहें हैं।
पश्चिम बंगाल में लेफ्ट की हार
पश्चिम बंगाल में तीन दशक से ज्यादा के वामपंथी पार्टियों के दबदबे को तृणमूल कांग्रेस ने तोड़कर दूसरी पार्टियों का भी हौंसला बढ़ा दिया है। इससे भाजपा के लिए भी रास्ता खुला है। बीते साल केरल में भी पहली बार भाजपा ने अपनी मौजूदगी दर्ज कराई थी। अब पार्टा त्रिपुरा में दम लगाना चाहती है। त्रिपुरा में 24 साल से विपक्ष मे रही कांग्रेस की जगह भाजपा विकल्प बनना चाहती है।
त्रिपुरा में लोकसभा में बढ़ा था भाजपा का मत प्रतिशत
त्रिपुरा की 60 सीटों में 49 सीपीआई (एम), जबकि 10 कांग्रेस के पास है। 2013 के विधानसभा में भाजपा को महज 1.54 फीसदी वोट मिले थे लेकिन 2014 के लोकसभा में उसके वोट प्रतिशत में 5.77 फीसदी का इजाफा हुआ जबकि कांग्रेस के मत-प्रतिशत मे गिरावट दर्ज हुई। इससे भाजपा उत्साहित है। वो इसे विधानसभा के लिए सकारात्मक मान रही है।
2019 पर भी निगाहें
असम, मेघालय, मणिपुर, त्रिपुरा, अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम, नागालैंड और सिक्किम में 25 लेकसभा की सीटें हैं। 2014 में भाजपा ने यहां आठ सीटें जीतीं। 2019 में भाजपा 25 से 20 सीट जीतना चाहती है। ऐसे में विधानसभा में भी अपनी मौजूदगी दर्ज कराना चाहती है।
लेफ्ट को 2019 के लिए भी कमजोर करना
त्रिपुरा में भाजपा के अच्छे प्रदर्शन से 2019 में वामदलों को काफी नुकसान हो सकता है। पहले से ही कमजोर वामपंथी पार्टियों को भाजपा और नुकसान करना चाहती है। जिससे आने वाले समय में भाजपा को फायदा हो सके।
मानिक सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप
त्रिपुरा के सीएम मानिक सरकार की व्यक्तिगत छवि साफ रही है लेकिन उनक सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। टीतर भर्ती में घोटाले के आरोपों के चलते उन्हें परेशानी हुई है। इन आरोपों को मुद्दा बनाकर भाजपा चुनाव में फायदा लेने की कोशिश करेगी।