बिहार का नया फॉर्मूला: इतनी सीटों पर लड़ेंगे BJP-JDU, पासवान की 'बल्ले-बल्ले'
नीतीश कुमार और उपेंद्र कुशवाहा में जारी छींटाकशी के बीच अमित शाह ने सीटों को लेकर नया फॉर्मूला तैयार किया है।
नई दिल्ली। 2019 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले बिहार एनडीए में सीटों के बंटवारे को लेकर घमासान छिड़ा हुआ है। एनडीए के दो प्रमुख घटक दलों जेडीयू और आरएलएसपी में एक दूसरे के ऊपर जारी छींटाकशी के बीच अब भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने सीटों के बंटवारे को लेकर एक नया फॉर्मूला तैयार किया है। सूत्रों के मुताबिक इस नए फॉर्मूले से जहां आरएलएसपी प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा को तगड़ा झटका लग सकता है, वहीं लोजपा अध्यक्ष रामविलास पासवान के लिए इसमें बड़ी खुशखबरी है। शाह के इस फॉर्मूले को ही बिहार एनडीए में सीटों के बंटवारे का अंतिम फैसला माना जा रहा है।
ये है शाह का सीटों का गणित
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, इस फॉर्मूले को लेकर जो सबसे बड़ी खबर है, वो ये है कि आरएलएसपी प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा को गठबंधन से बाहर रखा गया है। यानी बिहार में एनडीए अब उपेंद्र कुशवाहा के बिना ही चुनाव मैदान में उतरने का मन बना चुकी है। अमित शाह के नए फॉर्मूले के तहत 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा और जेडीयू बराबर-बराबर सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। दोनों के बीच 17-17 सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए सहमति बनी है। रामविलास पासवान के लिए शाह के फॉर्मूले में अच्छी खबर है। गठबंधन में उन्हें चुनाव लड़ने के लिए 6 सीटें दी जाएंगी। वर्तमान में रामविलास पासवान की पार्टी के 5 लोकसभा सांसद हैं।
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पहले तेजस्वी और अब शरद यादव
हालांकि, एनडीए में बने रहने को लेकर आरएलएसपी प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा की तरफ से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। इससे पहले खबर आई थी कि भाजपा ने उपेंद्र कुशवाहा को गठबंधन के तहत दो सीटों पर चुनाव लड़ने का ऑफर दिया था, जिसे लेकर उन्होंने अपनी नाराजगी जाहिर की थी। बिहार में सीटों को लेकर चल रही रस्साकशी के बीच उपेंद्र कुशवाहा पिछले दिनों आरजेडी नेता तेजस्वी यादव और लोकतांत्रिक जनता दल के अध्यक्ष शरद यादव से भी मुलाकात कर चुके हैं। ऐसे में कयास यही लग रहे हैं कि उपेंद्र कुशवाहा एनडीए से अलग होकर महागठबंधन में शामिल हो सकते हैं। भाजपा भी कुशवाहा के खुद ही एनडीए से अलग होने के ऐलान करने के इंतजार में है।
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जेडीयू-आरएलएसपी के बीच छिड़ा है घमासान
गौरतलब है कि हाल ही में उपेंद्र कुशवाहा ने कहा था कि भारतीय जनता पार्टी और लोक जनशक्ति पार्टी से उनका गठबंधन कायम रहेगा लेकिन जेडीयू से उनका कोई गठबंधन नहीं है। 2020 में मुख्यमंत्री पद का दावेदार कोई भी है सकता है। पटना में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कुशवाहा ने कहा कि जेडीयू से गठबंधन कराना है तो भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को पहल करनी होगी और पूछना होगा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मेरे लिए आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल क्यों किया। इससे मैं आहत हूं। कुशवाहा ने कहा कि सीएम को अपने शब्द वापस लेने चाहिएं। अगर वह सफाई देना चाहते हैं तो जनता के बीच दें।
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कुशवाहा कर सकते हैं बड़ा ऐलान
दरअसल जेडीयू और आरएलएसपी के बीच पिछले कई दिनों से जुबानी जंग चल रही है। दोनों दलों के नेता एक दूसरे को लेकर बयानों के बम फोड़ रहे हैं। इस पूरे प्रकरण की शुरुआत उस वक्त हुई, जब दिल्ली में अमित शाह ने ऐलान किया कि बिहार में भाजपा और जेडीयू बराबर-बराबर सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। इस ऐलान के ठीक बाद उपेंद्र कुशवाहा और तेजस्वी यादव की मुलाकात हुई, जिसके बाद सियासी खबरें छन-छनकर निकलने लगीं। पिछले दिनों उपेंद्र कुशवाहा ने जब शरद यादव से मुलाकात की तो लोजपा नेता चिराग पासवान ने कहा था कि विपक्षी दलों के नेताओं इस तरह की मुलाकातें ठीक नहीं है। अब माना जा रहा है कुशवाहा 2019 को लेकर जल्द ही कोई बड़ा ऐलान कर सकते हैं।
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