Amit Shah Birthday: जानें क्यों अमित शाह को कहा जाता है राजनीति का 'चाणक्य'
Amit Shah Birthday: जानें क्यों अमित शाह को कहा जाता है आधुनिक भारत का 'चाणक्य'
नई दिल्ली: Amit Shah Birthday 2020: देश के गृह मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के कद्दावर नेता अमित शाह का आज यानी 22 अक्टूबर को जन्मदिन है। अमित शाह आज अपना 56वां जन्मदिन मना रहे हैं। अमित शाह का जन्म 22 अक्टूबर 1964 को महाराष्ट्र के मुंबई में एक व्यापारी के घर हुआ था। अमित शाह गुजरात के धनी परिवार से संबंध रखते हैं। अमित शाह के जन्मदिन पर ट्विटर पर हैशटैग #Chanakya ट्रेंड कर रहा है। बीजेपी के कई नेताओं ने अमित शाह को आधुनिक भारत का 'चाणक्य' कह कर जन्मदिन की बधाई दी है। अमित शाह को भारतीय राजनीति का चाणक्य कहा जाता है। जिसके पीछे की अहम वजह है, बीजेपी अध्यक्ष के रूप में उनका कार्यकाल सफलताओं से भरा हुआ होना। 2014 से 2020 तक अमित शाह BJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे हैं। अमित शाह ने अभी तक अपने राजनीतिक करियर में एक भी चुनाव नहीं हारा है।
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क्यों अमित शाह को कहा जाने लगा 'चाणक्य'
अमित शाह देश के ऐसे बिरला नेताओं में से एक हैं, जो हर चुनाव को अपने पक्ष में मोड़ने की कला जानते हैं। अगर ना जानते होते तो 2014 में 282 सीटों के भारी भरकम लक्ष्य को भेदकर वह 300 पार का लक्ष्य तय नहीं कर पाते। कहा जाता है कि इस जीत के लिए अमित शाह 2012 से ही जमीन तैयार करना शुरू कर दी थी। 2019 के आम चुनावों में भी बीजेपी की शानदार जीत के सबसे बड़ा फैक्टर अमित शाह और नरेंद्र मोदी ही थे।
लोकसभा चुनाव के बाद अमित शाह को बीजेपी की कमान दी गई और फिर ना पार्टी रूकी और ना ही शाह ने पीछे मुड़कर देखा। इसकी के बाद से शाह को सोशल मीडिया पर और बीजेपी नेताओं द्वारा चाणक्य कहा जाने लगा। पीएम मोदी की लोकप्रियता और अमित शाह की राजनीतिक सोच का ही यह फल था कि 2014 की लोकसभा चुनाव के बाद बीजेपी एक के बाद एक चुनाव जीतती रही और उन-उन जगहों पर पहुंची जहां पार्टी की जीत की कल्पना करना भी मुश्किल था।
बीजेपी ने महाराष्ट्र, हरियाणा, जम्मू और कश्मीर, झारखंड और असम में सरकार बनाई। 2017 में बीजेपी ने उत्तर प्रदेश में भी सत्ता हासिल की। उत्तराखंड में भी बीजेपी सरकार में आई। गुजरात में वापसी की, मणिपुर में सरकार बनाई, हिमाचल प्रदेश में सरकार बनाई। मार्च 2018 में बीजेपी ने पहली बार उत्तर-पूर्वी राज्य त्रिपुरा में जीत हासिल की।
चाणक्य बुलाए जाने पर अमित शाह ने क्या कहा था?
फरवरी 2020 में Times Now Summit के दौरान अमित शाह ने चाणक्य बुलाए जाने पर अपनी प्रतिक्रिया दी थी। अमित शाह ने कहा था, मैंने कभी दावा नहीं किया कि मैं चाणक्य हूं। और, न ही मैं कभी वैसा बन सकता हूं, क्योंकि मैंने अपने जीवन में अच्छे से चाणक्य को पढ़ा है और समझा भी है। मेरे कमरे में उनकी एक तस्वीर भी है। उनकी ऊंचाई को मैं जानता हूं। अमित शाह तो बेचारा उनके आगे पंगु है। बहुत छोटा आदमी है। ऐसे में मेरी गुजारिश है कि भगवान कौटिल्य से मेरी तुलना ना करें।
1987 में बीजेपी में शामिल हुए थे अमित शाह
1978 में संघ से के बाद अमित शाह 1987 में भारतीय जनता पार्टी के युवा मोर्चा में शामिल हुए थे, उसके बाद से लेकर आजतक शाह ने पीछे मुड़कर नहीं देखा है, एक के बाद एक उन्होंने अपने कुशल कार्य से बीजेपी पार्टी को मजबूत बनाने में योगदान दिया है। अमित शाह को बड़ा राजनीतिक मौका 1991 में लालकृष्ण आडवाणी के लिए गांधीनगर संसदीय क्षेत्र में चुनाव प्रचार करने का मिला था। दूसरा अहम मौका तब मिला, जब पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी ने गुजरात से चुनाव लड़ने का फैसला किया था।
पेशे से स्टॉक ब्रोकर अमित शाह ने 1997 में गुजरात की सरखेज विधानसभा सीट से उप चुनाव जीतकर अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी। 2009 में अमित शाह गुजरात क्रिकेट एसोसिएशन के उपाध्यक्ष बने। 2014 में नरेंद्र मोदी के अध्यक्ष पद छोड़ने के बाद वे गुजरात क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष बने। 2003 से 2010 तक उन्होने गुजरात सरकार की कैबिनेट में गृह मंत्रालय का जिम्मा संभाला था।
नरेंद्र मोदी और अमित शाह की मुलाकात 1987 में हुई। उस वक्त अमिक शाह दीनदयाल रिसर्च इंस्टीट्यूट में कोषाध्यक्ष हुआ करते थे।1997 में मोदी ने ही शाह को विधानसभा का चुनाव लड़ाने की पैरवी की थी। नरेंद्र मोदी 12 सालों तक गुजरात के सीएम रहे थे। इस दौरान अमित शाह को उनका दाहिना हाथ कहा जाता था।
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