झारखंड चुनाव के नतीजों पर बोले अमित शाह- अध्यक्ष के नाते ये मेरी हार
नई दिल्ली। झारखंड विधानसभा चुनाव में हार के साथ ही भारतीय जनता पार्टी के हाथ से एक और राज्य निकल गया। इस विधानसभा चुनाव में बीजेपी के कई कद्दावर मंत्री हार गए। यहां तक कि रघुवर दास भी अपनी सीट नहीं बचा सके और जमशेदपुर ईस्ट से निर्दलीय उम्मीदवार सरयू राय के हाथों उनको करारी हार का सामना करना पड़ा। वहीं, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और गृहमंत्री अमित शाह ने इस चुनाव में हार पर कहा कि अध्यक्ष होने के नाते ये उनकी हार है।
बतौर अध्यक्ष ये मेरी हार- शाह
एबीपी न्यूज को दिए गए इंटरव्यू में अमित शाह ने झारखंड विधानसभा चुनाव को लेकर बात की। उन्होंने कहा कि चुनाव में हम हारे जरूर हैं लेकिन ये हमारे लिए आत्मचिंतन का विषय है। शाह ने कहा कि अगर जीत पर मेरी तारीफ होती है, तो हार की जिम्मेदारी भी मुझे लेनी चाहिए, इससे भागने का कोई सवाल ही नहीं। बता दें कि झारखंड चुनाव में जेएमएम-कांग्रेस और राजद के गठबंधन ने 47 सीटों पर जीत हासिल की थी। इस चुनाव में बीजेपी को केवल 25 सीटों पर ही जीत हासिल हुई थी। क्या पूर्व सीएम रघुवर दास पार्टी के लिए सही चेहरा नहीं थे, इस सवाल पर शाह ने कहा कि उन्होंने झारखंड के विकास के लिए बहुत काम किया है।
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CAA को लेकर कांग्रेस पर साधा निशाना
जबकि नागरिकता संशोधन कानून पर अमित शाह ने कहा कि इस एक्ट को लेकर गलतफहमी फैलाई गई। इस एक्ट में किसी की नागरिकता लेने का कोई प्रावधान ही नहीं है। उन्होंने कहा कि शरणार्थी हमारे भाई है, हम उनको सम्मान देंगे। अमित शाह ने कहा कि प्रताड़ित मुसलमानों को भी हमारे यहां नागरिकता दी गई है। शाह ने राहुल गांधी और प्रियंका गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि वे कोई एक प्रावधान बता दें जिससे नागरिकता जा रही हो। शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री ने ये कहा है कि अभी एनआरसी नहीं आ रहा है, और मैं भी कह रहा हूं कि अभी एनआरसी की चर्चा नहीं है।
एनआरसी और CAA दोनों अलग-अलग चीजें- गृहमंत्री
जब शाह के पूछा गया कि क्या एनआरसी के मुद्दे को सरकार ने ठंडे बस्ते में डाल दिया? इसपर उन्होंने कहा, 'मैंने कहां ऐसा कहा है? मैं ये कह रहा हूं कि अभी नागरिकता संशोधन कानून आया है, इस पर चर्चा कीजिए।' गृहमंत्री ने कहा, 'एनआरसी और सीएए दोनों अलग चीजें हैं। नागरिकता संशोधन कानून में कोई ऐसा प्रावधान नहीं है जो एनआरसी के बारे में बात करता है। पब्लिक के बीच में क्या बयान दिए जा रहे हैं, इस पर ना जाएं। संसद में लाए गए बिल को देखें। इस मामले पर सफेद झूठ बोला जा रहा है। झूठ की उम्र कम होती है, हम लोगों को घर-घर जाकर इसके बारे में बताएंगे कि आप लोगों से झूठ बोला जा रहा है।'