छत्तीसगढ़ उपचुनाव: क्या है पूर्व CM अजित जोगी की बहू की जाति जिस पर गरम है राजनीति ?
रायपुर। छत्तीसगढ़ की एकमात्र सीट मरवाही पर उपचुनाव होना है जिसके लिए राज्य की तीन प्रमुख पार्टियों में घमासान जारी है। चुनाव को लेकर राजनीति गरम है लेकिन मुद्दा अभी तक क्षेत्र के विकास का नहीं है बल्कि ये पूर्व सीएम अजित जोगी की बहू की जाति को लेकर है। कांग्रेस और भाजपा ने छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस (जोगी) के प्रमुख अमित जोगी की पत्नी ऋचा रूपाली जोगी की जाति पर सवाल उठाए तो अमित जोगी ने इसे जोगी परिवार की इज्जत का मामला बना दिया। मामले में जिला कलेक्टर मुंगेल ने ऋचा रस्तोगी से जवाब मांगा है।
अमित जोगी ने ट्वीट किया कि "अख़बारों से पता चला है कि मेरी धर्मपत्नी डॉक्टर (श्रीमती) ऋचा जोगी की जाति पर कुछ लोगों ने मुंगेल जिला कलेक्टर के समक्ष आपत्ति करी है।कलेक्टर साहब ने बोला है कि वे ऋचा से इस सम्बंध में विधिवत 8.10.20 को जवाब माँगेगे। क्या भूपेश सरकार मुंगेली कलेक्टर पर दबाव डालके बिना समिति का गठन किए, बिना नोटिस दिए, बिना शिकायत की कॉपी दिए और बिना ऋचा का पक्ष सुने उनके विरुद्ध एकतरफ़ा कार्यवाही करके जज और जल्लाद दोनों की भूमिका निभाना चाहती है।ये तो जंगल राज है! मैं महामहिम राज्यपाल से इस मामले में तत्काल कलेक्टर से स्पष्टीकरण माँगने की गुहार लगाता हूँ।"
वहीं ऋचा रस्तोगी ने कहा है कि उन्हें कोई नोटिस नहीं मिला है। अपने दो महीने के बेटे के चलते वह होम आइसोलेशन में हैं। नोटिस मिलने पर वह उसका जवाब देंगी और सुनवाई में जाएंगी।
ऋचा
के
खिलाफ
की
गई
थी
शिकायत
अमित
जोगी
की
पत्नी
ऋचा
जोगी
के
जाति
प्रमाण
पत्र
पर
बीजेपी
नेता
संत
कुमार
नेताम
ने
फर्जी
बताते
हुए
शिकायत
की
थी।
इसमें
18
बिंदुओं
पर
आपत्ति
रद्द
करने
की
मांग
की
गई
थी।
वहीं
एक
दिन
पहले
कांग्रेस
के
6
आदिवासी
विधायकों
ने
शिशुपाल
सोरी
के
नेतृत्व
में
राज्यपाल
से
मुलाकात
कर
ऋचा
रस्तोगी
के
जाति
प्रमाण
पत्र
को
लेकर
शिकायत
दर्ज
की।
इसमें
कहा
गया
था
कि
छत्तीसगढ़
के
पूर्व
मुख्यमंत्री
अजित
जोगी
फर्जी
जाति
प्रमाण
पत्र
के
आधार
पर
मरवाही
सीट
से
चुनाव
लड़ते
रहे
थे।
23
अगस्त
2019
को
राज्य
की
उच्च
स्तरीय
समिति
ने
उनका
जाति
प्रमाण
गलत
मानते
हुए
निरस्त
कर
दिया
था।
अब
अजित
जोगी
की
बहू
भी
चुनाव
लड़ने
के
लिए
वैसा
ही
फर्जी
जाति
प्रमाण
पत्र
बनवाकर
लाई
हैं।
दरअसल मरवाही सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है। अजित जोगी यहां से कंवर आदिवासी के जाति प्रमाण पत्र पर चुनाव लड़ते थे। इसे लेकर शिकायत हुई जिस पर राज्य स्तरीय छानबीन समिति ने जांच की और अजित जोगी के जाति प्रमाण पत्र को फर्जी बताते हुए निरस्त कर दिया। ये मामला अब कोर्ट में है। इस दौरान मरवाही सीट पर उपचुनाव में होना है। आशंका है जाति प्रमाण पत्र के मुद्दे पर अमित जोगी के चुनाव लड़ने पर रोक लग सकती है। ऐसे में अमित जोगी की पत्नी ऋचा जोगी उपचुनाव में पार्टी की उम्मीदवार हो सकती हैं। इसके लिए 17 जुलाई में उन्होंने अपना गोंड अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र बनवाया है। इसे लेकर भाजपा और कांग्रेस आरोप लगा रहे हैं। इसी बीच मामले में मुंगेल जिला कलेक्टर ने अमित जोगी की पत्नी को नोटिस देने की बात कही है। अगर 10 दिन में जवाब नहीं आता है तो उनका प्रमाण पत्र रद्द हो सकता है।
क्या
है
ऋचा
की
जाति
का
मामला
?
अमित
जोगी
की
पत्नी
ऋचा
ने
ऋचा
रुपाली
साधू
पिता
प्रवीण
राज
साधू
निवासी
पेण्ड्रीडीह,
उप
तहसील
जरहागांव,
जिला
मुंगेल
के
नाम
पर
प्रमाण
पत्र
प्राप्त
किया
है।
इसमें
उन्हें
गोंड
जाति
का
बताया
गया
है।
आरोप
है
कि
प्रमाण
पत्र
गलत
है
और
बिना
जांच
किए
ही
दे
दिया
गया।
जानकारी
के
मुताबिक
ऋचा
ने
15
जुलाई
को
आवेदन
किया
था
और
17
जुलाई
को
एसडीएम
ने
उन्हें
प्रमाण
पत्र
दे
दिया।
कहा
जा
रहा
है
कि
ऋचा
रूपाली
ने
ईसाई
समुदाय
का
होने
के
बावजूद
आदिवासी
का
प्रमाण
पत्र
बनवाया
है।
आरोप है कि ऋचा के पिता का परिवार जमीन की खरीद बिक्री में खुद को गैर आदिवासी बताता रहा है। पढ़ाई के दौरान भी किसी सदस्य ने खुद को आदिवासी समुदाय का नहीं घोषित किया। इसके पहले ऋचा रस्तोगी ने चुनाव में 10 हजार रुपये सिक्योरिटी राशि जमा की थी जबकि अनुसूचित जनजाति के लिए यह राशि 5 हजार रुपये ही है। परिवार के नाम आदिवासी के रूप में कोई भूमि भी नहीं है। इन बिंदुओं के साथ ऋचा की जाति को लेकर सवाल उठाते हुए प्रमाण पत्र रद्द करने की मांग की गई है।
छत्तीसगढ़ उपचुनाव: मरवाही में अमित जोगी पर पिता अजित जोगी की विरासत बचाने की चुनौती