एमपी, राजस्थान के बाद एक और राज्य में कांग्रेस को झटका, 6 नेता हुए BJP में शामिल
राजस्थान संकट के बीच कांग्रेस को बड़ा झटका, इस राज्य में 6 नेता हुए BJP में शामिल...
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद से कांग्रेस पार्टी कई राज्यो में अपने नेताओं की बगावत से जूझ रही है। पहले मध्य प्रदेश में पार्टी के दिग्गज नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस के खिलाफ मोर्चा खोला और फिर राजस्थान में पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट सहित 19 विधायक कांग्रेस के विरोध में उतर आए। मध्य प्रदेश और राजस्थान के बाद अब एक और राज्य में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है, जहां पार्टी के 6 पार्षद भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए हैं।
इम्फाल नगर निगम के 6 कांग्रेस पार्षद भाजपा में शामिल
मणिपुर में इम्फाल नगर निगम के 6 कांग्रेस पार्षदों ने अपनी पार्टी छोड़कर भाजपा की सदस्यता ले ली। इनके साथ ही नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) का एक पार्षद भी भाजपा में शामिल हो गया। दरअसल बुधवार को इम्फाल में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था, जिसमें मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष एस टिकेंद्र सिंह शामिल हुए। इस कार्यक्रम के दौरान ही इन सात पार्षदों ने भाजपा की सदस्यता ली।
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'पार्षदों के बाद कुछ और नेता भी होंगे भाजपा में शामिल'
पार्षदों को सदस्यता देते हुए मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा कि ये लोग भगवा पार्टी पर अपना विश्वास जताते हुए भाजपा में शामिल हुए हैं। बीरेन सिंह ने यह भी कहा कि राज्य में भाजपा सरकार ने जो विकास के कार्य किए हैं, उनसे प्रभावित होकर भी इन पार्षदों ने भाजपा में शामिल होने का फैसला लिया। वहीं, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष एस टिकेंद्र सिंह ने कहा कि इन पार्षदों के बाद कुछ और नेता भी हमारी पार्टी में शामिल होंगे।
नगर निगम में कांग्रेस के पास थे 12 पार्षद
आपको बता दें कि 27 सदस्यों वाले इम्फाल नगर निगम में कांग्रेस के पास 12 पार्षद थे, जिनमें से अब 6 भाजपा में चले गए हैं। निगम में एनपीपी का एक ही पार्षद था और उसने भी पार्टी छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया। इनके अलावा भाजपा के 10 और चार निर्दलीय पार्षद हैं। कांग्रेस ने चार निर्दलीय विधायकों के समर्थन से नगर निगम में बोर्ड का गठन किया था। कांग्रेस के एल लोकेश्वर इम्फाल नगर निगम के मेयर हैं।
राजस्थान में पहले ही संकट से जूझ रही है कांग्रेस
गौरतलब है कि कांग्रेस इस समय राजस्थान में अपने ही 19 विधायकों की बगावत झेल रही है। इनमें पार्टी के दिग्गज और डिप्टी सीएम रहे सचिन पायलट भी शामिल हैं। सचिन पायलट का कहना है कि सरकार में उनकी अनदेखी की जा रही थी। पायलट ने कहा कि पार्टी के राजस्थान प्रभारी अविनाश पांडे, कांग्रेस संगठन सचिव केसी वेणुगोपाल और दिल्ली में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल के सामने उन्होंने कई बार अशोक गहलोत की कार्यप्रणाली को लेकर शिकायत की थी, लेकिन उनकी शिकायत पर कोई ध्यान ही नहीं दिया गया।
सिंधिया की बगावत से गंवाई एमपी की सरकार
वहीं, इससे पहले मध्य प्रदेश में भी कांग्रेस ने अपनी ही पार्टी के नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया की बगावत की वजह से कमलनाथ की सरकार गंवाई। सिंधिया ने आरोप लगाया था कि प्रदेश कांग्रेस और कमलनाथ की सरकार में उनकी बात नहीं सुनी जा रही। इसके अलावा सिंधिया ने शीर्ष नेतृत्व के ऊपर भी अपनी अवहेलना किए जाने का आरोप लगाया था। सिंधिया की बगावत के बाद उनके समर्थक विधायकों ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया और अल्पमत में कमलनाथ की सरकार गिर गई।
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