नागालैंड में अटल की अस्थियां विसर्जित करने का विरोध, दोयांग की बजाय धनसिरी नदी में हुआ विसर्जन
नई दिल्ली। भाजपा नेताओं ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की अस्थियों को कुछ स्थानीय संगठनों के विरोध के बाद दोयांग की बजाय धनसिरी नदी में विसर्जित किया। हालांकि ईसाई बहुल नगालैंड में कुछ स्थानीय संगठनों ने यह कहते हुए नदी में अस्थियों को प्रवाहित करने का विरोध किया कि यह प्रथा नगा संस्कृति एवं परंपरा के खिलाफ है। भाजपा नेताओं ने आज बताया कि पार्टी ने पहले राज्य की सबसे बड़ी दोयांग नदी में अस्थियों को प्रवाहित करने की योजना बनायी थी, जो वोखा जिले से गुजरती है।
उन्होंने बताया कि स्थानीय लोगों को विरोध के बाद अस्थि कलश को कल दीमापुर के धनसिरी नदी में प्रवाहित किया गया। वोखा जिले के शीर्ष जनजातीय निकाय लाथोआ होहो और लोथा बापटिस चर्चेज एसोसिएशन ने अस्थियों को दोयांग नदी में विसर्जित किये जाने का विरोध करते हुए इसे नगा संस्कृति और परंपरा के विरुद्ध बताया था।
विपक्षी नगा पीपुल्स फ्रंट ने भाजपा पर आरोप लगाया कि उसने पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी की अस्थियों को प्रवाहित करने ले लिए राज्य में लाकर लोगों की भावनाओं को 'आहत' किया है। एनपीएफ प्रवक्ता अचुमबेमो किकोन ने संवाददाताओं से कहा कि वाजपेयी एक प्रख्यात नेता थे और सभी पार्टियों के लिए वे सम्मानीय थे लेकिन भाजपा को राजनीति को धार्मिक परंपराओं से नहीं जोड़ना चाहिए था।