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चीन से तनाव के बीच बड़ी खबर, सरकार ने समय से पहले मंगवाए 6 नए राफेल विमान

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नई दिल्ली। भारत-चीन सीमा पर तनाव के बीच भारत को जुलाई के अंत तक छह पूरी तरह से आधुनिक हथियारों से लैस राफेल लड़ाकू विमान मिलने की संभावना है। जो लंबी दूरी की मिसाइल को हवा से हवा में मार करने में सक्षम होंगे। भारतीय वायुसेना को राफेल लड़ाकू विमान की पहली खेप 27 जुलाई को मिलेगी। बताया जा रहा है कि यह छह राफेल विमान अंबाला एयरबेस पर तैनात किए जा सकते हैं। भारतीय वायुसेना के 'विशेष निवेदन' के बाद फ्रांस इन विमानों को समय से पहले भारत भेजेगा।

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 27 जुलाई तक छह राफेल लड़ाकू विमान पहुंचेंगे भारत

27 जुलाई तक छह राफेल लड़ाकू विमान पहुंचेंगे भारत

सूत्रों की मानें तो जुलाई तक भारत को जो राफेल विमान मिलेंगे, उनमें हवा से हवा में 150 किमी. तक की रेंज लक्ष्य भेदने वाली मेट्योर मिसाइल लगी होगीं। जो चीनी एयर फोर्स पर भारतीय वायु सेना को बढ़त देंगी। सरकारी सूत्रों ने बताया कि फ्रांस में भारतीय वायुसेना के पायलटों के चल रहे प्रशिक्षण के आधार पर, हमें जुलाई के अंत तक छह राफेल मिल सकते हैं। विमान अपने पूरे पैकेज के साथ पहुंचेगा और कुछ ही दिनों में इसे चालू कर दिया जाएगा। विमान में तैनात Scalp और Meteor मिसाइलें भारतीय सेना के लिए चीन और पाकिस्तान के खिलाफ अहम रोल अदा करेंगी।

राफेल का भारत में पहला स्क्वाड्रन अंबाला होगा

राफेल का भारत में पहला स्क्वाड्रन अंबाला होगा

मूल योजना अम्बाला वायु सेना स्टेशन में पायलटों को प्रशिक्षित करने के लिए तीन ट्विन-सीटर ट्रेनर संस्करणों सहित चार राफेल प्राप्त करने की थी। जो राफेल का भारत में पहला स्क्वाड्रन अंबाला होगा। जबकि दूसरा स्क्वाड्रन पश्चिम बंगाल के हसीमारा में तैनात किया जाएगा। भारत ने सितंबर, 2016 में फ्रांस के साथ 36 राफेल लड़ाकू विमानों की डील की थी। यह डील तकरीबन 59 हजार करोड़ रुपये की थी। इन विमानों के जरिए भारत की वायुसेना को और ताकत मिलेगी।

फ्रांस से लेकर आएंगे भारतीय पायलट

फ्रांस से लेकर आएंगे भारतीय पायलट

राफेल विमानों को भारत लाने के लिए वन स्टॉप का इस्तेमाल किया जा रहा है। यानी फ्रांस से उड़ान भरने के बाद यूएई के अल डाफरा एयरबेस पर राफेल विमान उतरेंगे। यहां पर फ्यूल से लेकर बाकी सभी टेक्निकल चेकअप के बाद राफेल विमान सीधे भारत के लिए उड़ान भरेंगे। यहां वे अंबाला एयरबेस पर उतरेंगे। सूत्रों ने कहा कि भारत आने के लिए निर्धारित विमानों की संख्या आवश्यकता के अनुसार अधिक हो सकती है। पहली खेप में सभी 10 लड़ाकू विमानों की डिलीवरी नहीं की जा रही है। फ्रांस में भी कुछ विमानों की जरूरत होगी, जिससे भारतीय वायुसेना के पायलट और क्रू को और ट्रेनिंग दी जा सके।

राफेल सीधे फ्रांस से भारत आ सकता था लेकिन...

राफेल सीधे फ्रांस से भारत आ सकता था लेकिन...

वायुसेना के अधिकारियों ने कहा कि कई कारकों को ध्यान में रखकर जुलाई के मध्य तक विमानों के आगमन की तारीख तय की जाएगी। पहले विमान को 17 गोल्डन एरो के स्क्वाड्रन के कमांडिग ऑफिसर और फ्रांस के पायलट के साथ उड़ाने की योजना है। सूत्रों ने कहा कि राफेल सीधे फ्रांस से भारत आ सकता था लेकिन एक छोटे कॉकपिट के अंदर बैठे पायलटों के लिए 10 घंटे की उड़ान तनावपूर्ण होगी। इसलिए विमान यूएई के अल डाफरा एयरबेस पर उतरेंगे। सात भारतीय पायलटों के पहले बैच ने भी फ्रेंच एयरबेस में अपना प्रशिक्षण पूरा कर लिया है, जबकि दूसरा बैच फ्रांस जा रहा है, क्योंकि दोनों देशों में लॉकडाउन के उपायों में ढील दी गई है।

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English summary
Amid ongoing dispute with China India likely to get 6 Rafale fighter aircraft by July end
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