चीन को करारा जवाब देने के लिए आर्मी और एयरफोर्स संयुक्त तौर पर कर रही हैं वॉर प्रैक्टिस
नई दिल्ली। भारत-चीन के बीच सीमा विवाद बना हुआ है। चीनी सेना एलएसी पर लगातार उकसाने वाला काम कर रही है। कई बैठक, शांति वार्ता के बाद भी वो पीछे हटने को तैयार नहीं है। वो भारी मात्रा में सैन्य बल बढ़ा रहा है। चीन के आक्रमक रूख को देखते हुए भारतीय सेना की तैयारियां भी जोरों पर हैं। चीन को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए भारतीय सेना और वायुसेना संयुक्त तौर पर अभ्यास कर रही हैं।
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युद्ध के दौरान भारतीय सेना को राशन और अन्य सामानों की आपूर्ति सही तरीके से हो सके इसके लिए भी निर्देश दिए गए हैं। लद्दाख क्षेत्र में तैनात एक वरिष्ठ वायु सेना कमांडर ने कहा, "वायुसेना के मुख्यालय के ऊपर से निर्देश दिए गए हैं कि सीमा पर तैनात सेना और अन्य सुरक्षा बलों की जो भी आवश्यकताएं हैं, उन्हें पूरा किया जाना चाहिए। फ़ॉर्वर्ड एरिया में तैनात सेना के एक अधिकारी ने कहा कि इन दिनों रक्षा कर्मचारियों के प्रमुख जनरल बिपिन रावत और दो सेवाओं के प्रमुख अक्सर चर्चा कर रहे हैं और चीनी सेना के खिलाफ कार्रवाई की योजना पर काम कर रहे हैं। भारतीय सेना, चीन के खिलाफ नेत्रगोलक की स्थिति में तैनात है। भारतीय वायुसेना नियमित रूप से अपनी डोमेन जागरूकता बढ़ाने के लिए जमीन पर वास्तविक स्थिति में अपडेट कर रही है और उन्होंने स्थिति के बिगड़ने की स्थिति में संयुक्त रूप से कुछ ऑपरेशन की योजना बनाई है।
सर्दियों के बीच टिके रहने की पूरी तैयारी
पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा की ओर लेह से सड़क पर चीन और बेहद कठोर सर्दियों दोनों से जूझ रहे सेना के सैनिकों को आपूर्ति प्रदान करने के लिए सिंधु नदी के ऊपर चिनूक को उड़ते हुए देखा जा सकता है। वहीं LAC के पास टैंक युद्धाभ्यास करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। इसके साथ ही वायु सेना के चिनूक और Mi-17V5s हेलीकॉप्टरों को लैंडिंग ग्राउंड (ALG) की ओर उड़ान भर रहे हैं। वही सीमा क्षेत्रों में कठोर सर्दियों से निपटने के लिए भी स्पेशल तैयारी की जा रही है।
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