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India-China Clash: इस खास तोप के लिए और अधिक मारक वाला गोला बारूद हासिल करने की योजना बना रही है सेना

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नई दिल्‍ली। चीन के साथ चल रहे सीमा विवाद के बीच भारत ने आपातकालीन वित्तीय शक्तियों के तहत संयुक्त राज्य अमेरिका से एम -777 होवित्जर तोपों को खरीदने का आदेश देने जा रहा है। इंडिया टूडे की खबर के मुताबिक उप-मुख्य वित्तीय शक्तियों के तहत अमेरिका से एक्सेलिबुर गोला-बारूद के अधिक मात्रा में आदेश देने की योजना है। रक्षा सूत्रों ने बताया कि यह योजन इसलिए है ताकि पूर्वी लद्दाख सेक्टर में आगे के इलाकों में M-777 बंदूकों के साथ तैनात सेना की बटालियनों की ताकत बढ़ाई जा सके। आपको बता दें कि भारत ने सबसे पहले बालाकोट अभियानों के बाद पिछले साल मई-जून में एक्सकैलिबर गोला-बारूद का ऑर्डर दिया था।

ये है इस हथियार की खासियत

ये है इस हथियार की खासियत

पिछले साल सेना द्वारा आपातकालीन वित्तीय शक्तियों के तहत तेजी से मारक गोला-बारूद को पश्चिमी क्षेत्र पर ज्‍यादा क्षति पहुंचाने के लिए बिना आबादी वाले क्षेत्रों के करीब दुश्मन पर प्रहार करने की क्षमता हासिल करने के लिए शामिल किया गया था। मौजूदा तनाव के मद्देनजर अब वित्तीय शक्तियां फिर से सशस्त्र बलों को दे दी गई हैं। अब अल्ट्रा लाइट होवित्जर तोपों द्वारा इस्तेमाल किए गए ज्‍यादा मारक गोला बारूद के लिए फिर से आदेश देने की योजना है, जिसे ऊंचाई वाले पहाड़ों पर आसानी से तैनात किया जा सकता है।

उरी हमले के बाद ऐसी ही वित्तिय शक्तियां दी गई थीं

उरी हमले के बाद ऐसी ही वित्तिय शक्तियां दी गई थीं

पिछले साल के आदेशों के बाद सेना ने अक्टूबर समय सीमा तक अमेरिका से गोला बारूद को शामिल करना शुरू कर दिया था और पिन प्‍वाइंट पर सटीकता से लक्ष्य को हासिल किया था। ऐसा इसलिए भी हो रहा है जब चीन ने पूर्वी लद्दाख सेक्टर के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के साथ तिब्‍बत और अन्‍य सीमा वर्ती इलाकों में अपनी तोपें और हथियार तैनात कर रखा है। पूर्वी लद्दाख में चीनी आक्रामकता और वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के साथ बड़ी संख्या में वहां अपने सैनिकों को तैनात करने के बाद सेना को इस शक्ति को फिर से देने की आवश्यकता महसूस की गई थी। उरी हमले और पाकिस्तान के खिलाफ बालाकोट हवाई हमलों के बाद सशस्त्र बलों को भी ऐसी ही वित्तीय शक्तियां दी गईं थीं।

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क्‍या हुआ था गलवान में

क्‍या हुआ था गलवान में

15-16 जून को लद्दाख की गलवान घाटी में एलएसी पर हुई इस झड़प में भारतीय सेना के एक कर्नल समेत 20 सैनिकों की मौत हुई थी। भारत का दावा है कि चीनी सैनिकों का भी नुकसान हुआ है लेकिन इसके बारे में चीन की तरफ़ से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। चीन ने अपनी सेना को किसी भी तरह का कोई नुक़सान होने की बात नहीं मानी है। इसके बाद दोनों देशों में पहले से मौजूद तनाव और बढ़ चुका है। दोनों ही देश एक-दूसरे पर अपने इलाक़ों के अतिक्रमण करने का आरोप लगा रहे हैं।

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English summary
Amid China dispute, India to get more Excalibur ammunition from US for M777 Howitzers.
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