भारत के पोर्ट ब्लेयर में उतरा हथियारों से लैस अमेरिकी विमान, चीन की बढ़ी टेंशन
नई दिल्ली: लद्दाख में भारत और चीन के बीच पिछले पांच महीने से गतिरोध जारी है। इसके अलावा चीन का अमेरिका के साथ भी तनाव बढ़ गया है। जिस वजह से भारत-अमेरिका की सेनाएं अब साथ मिलकर काम कर रही हैं। पिछले हफ्ते अमेरिका का पी -8 पोसिडॉन (American p-8 Poseidon) भारत के पोर्ट ब्लेयर में उतरा था। अब एक हफ्ते बाद खबर सामने आने पर चीन की टेंशन बढ़ गई है।
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किस वजह से उतरा विमान?
दरअसल भारत और अमेरिका के बीच 2016 में पारस्परिक सैन्य रसद संधि (लॉजिस्टिक्स एक्सचेंज मेमोरेंडम ऑफ एग्रीमेंट) हुई थी। जिसके तहत दोनों देश एक दूसरे के युद्धपोतों और विमानों को ईंधन भरने और परिचालन की सुविधा दे रहे हैं। इस संधि के तहत 25 सितंबर को अमेरिका का पी -8 पोसिडॉन पोर्ट ब्लेयर में स्थित एयरबेस पर उतरा। इस दौरान उसने ईंधन और रसद लिया, फिर अपने गंतव्य को रवाना हो गया।
हथियारों से था लैस
आपको बता दें कि पी-8 पोसिडॉन विमान अमेरिकी नौसेना का मल्टीमिशन एयरक्रॉफ्ट है। जो विमान पोर्ट ब्लेयर में उतारा था वो हथियारों से लैस था। अमेरिका का ये विमान एंटी सबमरीन वॉरफेयर, एंटी सर्फेस वॉरफेयर समेत कई ऑपरेशन के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा इसमें आधुनिक रडार सिस्टम लगा है, जिस वजह से ये बेहतरीन सर्विलांस अमेरिकी सेना को उपलब्ध करवाता है। चीन विवाद के बीच भारत में अमेरिकी हथियारबंद विमान की लैंडिंग रणनीतिक रूप से काफी अहम है।
भारत ने भी इस विमान का किया सौदा
जल्द ही एक हाईटेक जहाज इंडियन नेवी के बेड़े में शामिल होने वाला है। अमेरिका से अगले वर्ष इंडियन नेवी के लिए सर्विलांस एयरक्राफ्ट P-8I भारत पहुंचेंगे। इन एयरक्राफ्ट को बोइंग कंपनी बनाती है और इन्हें नेवी के बेड़े में शामिल किया जाएगा ताकि हिंद महासागर पर नजर रखी जा सके। हिंद महासागर वह क्षेत्र बन चुका है जहां अक्सर चीन की घुसपैठ करने की खबरें आती रहती हैं। इनके शामिल होने से हिंद महासागर में इंडियन नेवी की ताकत में दोगुना इजाफा होगा।
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