Coronavirus से अमेरिका की जंग: 2 लाख करोड़ डॉलर के राहत पैकेज पर बनी सहमति
नई दिल्ली। कोरोना वायरस से सिर्फ विकासशील देश ही नहीं बल्कि अमेरिका जैसा ताकतवर और विकसित देश भी गंभीर रूप से प्रभावित हुआ है। अमेरिका की ट्रंप सरकार की चिंता अब बढ़ने लगी है जिसके चलते व्हाइट हाउस और संसद के दोनों दलों के नेताओं के बीच कोरोनो वायरस के आर्थिक प्रभाव को कम करने के लिए आर्थिक प्रोत्साहन बिल पर सहमति बन गई है। अर्थव्यवस्था को 2000 अरब डॉलर का राहत पैकेज देने पर सहमति बन गई है। महामारी बन चुके इसका मकसद कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के बीच बिजनेस, वर्कर्स और हेल्थ केयर सिस्टम को सपोर्ट देना है। इस बात की पुष्टि व्हाइट हाउस के अधिकारी एरिक उलैंड ने की है।
मीडिया से बात करते हुए एरिक उलैंड ने बताया कि हमारे पास एक डील है, आर्थिक राहत पैकेज से ज्यादातर अमेरिकियों को प्रत्यक्ष भुगतान किया जाएगा। एरिक उलैंड आगे बताते हैं कि इससे बेरोजगारी लाभ का विस्तार होगा इसके अलावा छोटे कारोबारियों के 367 अरब डॉरल का सहायता कार्यक्रम शुरू किया जाएगा। बता दें कि कोरोना वायरस के फैलाव को रोकने के लिए ट्रंप सरकार ने भी कई क्षेत्रों में लॉकडाउन लागू कर दिया है जिसके चलते कई लोग घरों में बंद रहने को मजबूर हैं। एरिक उलैंड के मुताबिक ऐसे श्रमिकों को वेतन का भुगतान किया जाएगा। इसके अलावा विमानन और स्वास्थ्य सेवा जैसे बड़े क्षेत्रों के लिए भी विशेष पैकेज का प्रावधान किया जाएगा।
महत्वपूर्ण
जानकारी
छिपा
रहा
है
चीन:
अमेरिकी
विदेश
मंत्री
अमेरिकी
विदेश
मंत्री
माइक
पोम्पिओ
ने
कोरोना
वायरस
प्रकोप
के
लिए
चीन
के
खिलाफ
आलोचना
को
तेज
करते
हुए
मंगलवार
को
कहा
है
कि
चीन
की
सत्तारूढ़
कम्युनिस्ट
पार्टी
अभी
भी
घातक
कोरोना
वायरस
के
बारे
में
दुनिया
से
जानकारी
साझा
करने
से
इनकार
कर
रही
है
जबकि
संक्रमण
को
रोकने
के
लिए
संबंधित
जानकारी
बेहद
अहम
है।
बकौल
पोम्पेओ
ने
कहा,
"मेरी
चिंता
यह
है
कि
कोरोना
वायरस
से
संबंधित
जानकारी
को
लगातार
चीन
द्वारा
छुपाया
जा
रहा
है।
वैश्विक
आपदा
बन
चुकी
कोरोना
वायरस
की
जानकारी
छुपाने
में
अभी
भी
चीनी
कम्युनिस्ट
पार्टी
लगी
हुई
है
जबकि
दुनिया
को
उक्त
महत्वपूर्ण
जानकारी
की
बेहद
जरूरत
है
ताकि
कोरोना
वायरस
के
आगे
के
मामलों
पर
रोकथाम
लगाई
जा
सकें
या
भविष्य
में
ऐसा
कुछ
फिर
से
होने
से
रोका
जा
सकें।"
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