अमेरिका का साफ संकेत, चीन के खिलाफ भारत का हर हाल में देंगे साथ
वॉशिगटन। चीन के खिलाफ अमेरिका अब किसी भी तरह की नरमी के मूड में नहीं है। कोरोना वायरस के संक्रमण को दुनियाभर में फैलाने के लिए अमेरिका शुरुआत से ही चीन पर हमलावर है। यही नहीं कुछ ही दिन पहले अमेरिका ने हॉन्गकॉन्ग की स्वायत्तता कानून पर हस्ताक्षर करके चीन को लेकर अपनान रुख साफ कर दिया है। लेकिन अब अमेरिका के विदेश मंत्रालय की ओर से साफ तौर पर कहा गया है कि अगर चीन मित्र देशों को परेशान करेगा तो अमेरिका दक्षिण चीन सागर से हिमालय तक अपने मित्र देशों के साथ खड़ा रहेगा और उनके साथ रहेगा। ऐसे में अमेरिका ने साफ तौर पर यह स्पष्ट संदेश दिया है कि वह हर हालात में भारत के साथ खड़ा रहेगा।
चीन
गलत
अभियान
को
आगे
बढ़ान
में
जुटा
अमेरिका
के
विदेश
मंत्रालय
की
ओर
से
कहा
गया
है
कि
जब
दुनिया
कोरोना
से
लड़
रही
है
तो
चीन
अपने
गलत
अभियान
को
आगे
बढ़ाने
में
जुटा
हुआ
है।
चीन
को
लगता
है
कि
वह
जो
कुछ
भी
कर
रहा
है
सही
है,
लेकिन
ऐसा
नहीं
है।
दक्षिण
चीन
सागर
के
मुद्दे
का
सीधे
तौर
पर
आर्कटिक,
हिंद
महासागर,
भूमध्यसागर
के
साथ
अन्य
जलमार्गों
पर
पड़ता
है।
दक्षिण
चीन
सागर
मसले
का
असर
हर
देश
और
नागरिक
पर
पड़ता
है
जो
समुद्र
की
स्वतंत्रता
पर
निर्भर
है।
चीन
की
कई
कंपनियों
पर
प्रतिबंध
इससे
पहले
अमेरिका
ने
चीनी
कंपनी
हुवेई
के
कुछ
कर्मचारियों
पर
प्रतिबंध
लगा
दिया
था।
अमेरिकी
विदेश
मंत्री
माइक
पोम्पियो
ने
इसको
लेकर
ट्वीट
किया
था।
माइक
ने
कहा
है,
अमेरिकी
विदेश
विभाग
मानवाधिकार
हनन
को
लेकर
जिम्मेदार
व्यक्तियों
पर
वीजा
प्रतिबंध
लगाएगा,
जिसमें
चीनी
प्रौद्योगिकी
कंपनियों
के
कर्मचारी
भी
शामिल
हैं।
अमेरिका-चीन
रिश्तों
में
खटास
अमेरिका
और
चीन
के
रिश्तों
में
कुछ
दिनों
से
तनाव
देखने
को
मिल
रहा
है।
अमेरिका
ने
हाल
ही
में
उइगर
मुस्लिमों
के
मानवाधिकार
उल्लंघनों
के
आरोपों
को
लेकर
चीन
के
शिनजियांग
क्षेत्र
के
प्रमुख
चेन
क्वांगु
सहित
चार
चीनी
अधिकारियों
पर
प्रतिबंध
लगाए
गए
हैं।
इन
अधिकारियों
में
सत्तारूढ़
कम्युनिस्ट
पार्टी
का
एक
क्षेत्रीय
प्रमुख
भी
शामिल
है.
चीन
पर
संसाधन
संपन्न
उत्तर
पश्चिम
प्रांत
में
उइगुर
समुदाय
के
लोगों
को
सामूहिक
तौर
पर
हिरासत
में
रखने,
धार्मिक
उत्पीड़न
और
जबरन
नसबंदी
के
आरोप
हैं।
अमेरिकी
सरकार
के
बैन
के
बाद
ये
अधिकारी
अमेरिका
में
प्रवेश
नहीं
कर
सकेंगे।
वीजा
पर
बैन
अमेरिका
के
प्रतिबंध
लगाने
के
बाद
चीन
ने
भी
अमेरिका
के
कई
शीर्ष
अधिकारियों
और
नेताओं
के
वीजा
को
बैन
कर
दिया।
चीन
के
विदेश
मंत्रालय
की
ओर
से
कहा
गया
है
कि
वो
अमेरिकी
सीनेटर
मार्को
रुबिओ
और
टेड
क्रूज,
धार्मिक
स्वतंत्रता
संबंधी
अमेरिकी
राजदूत
सैमुअल
ब्राउनबैक
और
कांग्रेस
सदस्य
क्रिस
स्मिथ
के
खिलाफ
वो
प्रतिबंध
लगा
रहा
है।
इसके
साथ
ही
चीन
ने
अमेरिकी
कांग्रेस
कार्यकारी
आयोग
(सीईसीसी)
पर
भी
प्रतिबंध
लगा
दिया
है।
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