Ambedkar memorial:क्यों शुरू हुआ विवाद, जिसके चलते उद्धव ठाकरे को टालना पड़ा कार्यक्रम
नई दिल्ली- महाराष्ट्र की महा विकास अघाड़ी सरकार को विवादों की वजह से डॉक्टर भीम राव अंबेडकर की 450 फीट ऊंची प्रतिमा बनाने के लिए पहले से तय आधारशिला कार्यक्रम को स्थगति करना पड़ा है। यह फैसला खुद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने लिया है। इस कार्यक्रम को लेकर उद्धव सरकार को इसलिए भारी विरोध का सामना करना पड़ रहा था, क्योंकि इस कार्यक्रम के लिए विपक्ष के नेताओं और डॉक्टर अंबेडकर के परिवार वालों को निमंत्रण नहीं भेजा गया था। बाद में सीएम ने कहा है कि जल्द ही कार्यक्रम फिर से आयोजित किया जाएगा, जिसमें सबको बुलाया जाएगा।
अंबेडकर मेमोरियल पर आयोजित कार्यक्रम पर विवाद
मुंबई के दादर स्थित इंदू मिल में शुक्रवार को होने वाले आधारशिला कार्यक्रम की अध्यक्षता खुद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे करने वाले थे। हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक इस कार्यक्रम के लिए जिन लोगों को बुलाया गया था, उसमें उपमुख्यमंत्री अजीत पवार, शहरी विकास मंत्री एकनाथ शिंदे, पर्यटन मंत्री आदित्य ठाकरे और ठाकरे सरकार के दूसरे कैबिनेट मंत्री शामिल थे। जबकि, डॉक्टर अंबेडकर के पोते प्रकाश अंबेडकर को निमंत्रण नहीं मिला था। यही नहीं, उनके एक और पोते आनंदराज को अंतिम वक्त में निमंत्रण प्राप्त हुआ था। इतना ही नहीं महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यममंत्री और विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस और भाजपा नेता प्रवीण दारेकर को भी इस कार्यक्रम के लिए नहीं बुलाया गया था। आनंदराज अंबेडकर ने इस सारे विवाद के लिए राज्य सरकार पर आरोप लगाया है। उन्होंने इस प्रोजेक्ट के तहत निर्माण की गुणवत्ता पर भी कई बार सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा है, 'निर्माण कार्यों की गुणवत्ता को लेकर मैं विरोध जताता रहा हूं। मुझे शुक्रवार को अंतिम वक्त में निमंत्रण प्राप्त हुआ है।' उन्होंने इस कार्यक्रम के लिए इस समय को चुने जाने को लेकर भी सवाल उठाया है कि जब राज्य कोरोना समेत कई चुनौतियां झेल रहा है तो इस कार्यक्रम का क्या मतलब है।
इसपर राजनीति की जरूरत नहीं- मुख्यमंत्री
वहीं प्रकाश अंबेडकर ने निमंत्रण देने के सरकार के अधिकार को लेकर ही चुनौती दे डाली है और पूछा है कि कार्यक्रम में किसे आना चाहिए क्या यह तय करने का अधिकार उनके पास है। उधर महाराष्ट्र विधान परिषद में नेता विपक्ष प्रवीण दारेकर ने कहा है कि 'ऐसा लगता है कि महा विकास अघाड़ी अहंकारी हो गई है और उसे दूसरों का संज्ञान नहीं लेना है। ' बाद में मुख्यमंत्री ने एक बयान जारी कर कहा कि जल्द ही कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा और सभी नेताओं को बुलाया जाएगा। उन्होंने कहा कि 'इसपर राजनीति करने की कोई जरूरत नहीं है।........इस तरह के महत्वपूर्ण कार्यक्रम में सबकी भागीदारी जरूरी है और मैंने एमएमआरडीए को निर्देश दिया है कि जरूरी कदम उठाए।'
2015 में पीएम मोदी ने किया था भूमि पूजन
इस साल जनवरी में महाराष्ट्र कैबिनेट ने अंबेडकर की प्रतिमा की ऊंचाई 250 से 350 फीट करने के साथ ही मूर्तितल की 100 फीट ऊंचाई को मंजूरी दी थी। इस तरह से कांसे की इस प्रतिमा की कुल ऊंचाई 450 फीट की होगी। इस प्रोजेक्ट में देरी होने से इसकी लागत भी शुरुआती 763.05 करोड़ रुपये के अनुमानों से बढ़कर 1,089.95 करोड़ रुपये हो चुकी है। गौरतलब है कि इस प्रोजेक्ट की भूमि पूजन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों अक्टूबर, 2015 में ही करवाई जा चुकी है, लेकिन इसपर काम ने अभी तक रफ्तार नहीं पकड़ी है। जबकि, इसके तैयार होने की समय-सीमा अप्रैल 2022 रखी गई है।
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