भारत में भूटान के राजदूत बोले-हमारी सीमा में चीन का गांव बसने की खबरें गलत
नई दिल्ली। भारत में भूटान के राजदूत ने इस बात से इनकार कर दिया है कि उनके देश की सीमा के अंदर चीन ने कोई गांव बसा लिया है। गौरतलब है कि शुक्रवार को ऐसी खबरें भारत की मीडिया में आई हैं कि चीन ने भूटान की सीमा में डोकलाम क्षेत्र से करीब 9 किलोमीटर दूर एक गांव बसा लिया है। ये खबर चीन की सरकारी मीडिया के एक सीनियर जर्नलिस्ट की तरफ से ट्विटर पर पोस्ट की गईं फोटोग्राफ्स के बाद मीडिया तक पहुंची थी। डोकलाम वही जगह है जहां पर साल 2017 में चीन और भारत के बीच विवाद हुआ था।
यह भी पढ़ें-ऑस्ट्रेलिया और जापान के बीच बड़े रक्षा समझौते से घबराया चीन
भारत ने जताई थी आशंका
चीन के सरकारी चैनल सीजीटीएन में बतौर सीनियर प्रोड्यूसर काम कर रहे शेन शिवेई ने गांव की तस्वीरों को ट्विटर पर पोस्ट किया। इसमें उन्होंने लिखा है कि यह वही हिस्सा है जो डोकलाम क्षेत्र है। इस चीनी गांव को पंगड़ा के तौर पर बताया जा रहा है और यह भूटान की सीमा के अंदर 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। भारत ने हमेशा से इस बात की आशंका जताई थी कि चीन, डोकलाम में एक बार फिर से आक्रामक हो सकता है और यह गांव अब इसी तरफ इशारा करता है। चीन भारत और भूटान के क्षेत्र पर कब्जे की कोशिशों में लगा है। भारत के लिए यह विशेष रूप से चिंताजनक है क्योंकि वह भूटान की क्षेत्रीय अखंडता के लिए जिम्मेदार है जिसके पास एक सीमित सशस्त्र बल है।
साल 2017 में डोकलाम में हुआ विवाद
जून 2017 में हुआ डोकलाम गतिरोध, भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में टकराव से पहले सबसे गंभीर मुद्दा था। यह तनाव 70 दिन बाद जाकर खत्म हो सका था। लद्दाख में गतिरोध के बाद से परमाणु-हथियारों से लैस दोनों देशों ने सीमा पर हजारों सैनिकों को भेजा है। चुशुल में हुई आंठवें दौर की कोर कमांडर वार्ता के बाद भारत और चीन ने तनाव को कम करने के लिए तीन चरण की योजना बनाई है। लेकिन डिसइंगेजमेंट के प्लान पर अभी तक कोई हस्ताक्षर या समझौता नहीं हुआ है। योजना को लागू करने के लिए किसी भी समय अवधि पर सहमति नहीं दी गई है। दोनों पक्षों के बीच यह तय नहीं होगा कि यह किस हद तक होगा। दोनों देशों के बीच नौंवे दौर की कोर कमांडर वार्ता भी होने वाली है और इसकी तारीख अभी तक तय नहीं हो सकी है।