लोकतंत्र खतरे में है, भाजपा गलत इरादों के साथ सत्ता में आई- अमर्त्य सेन
नई दिल्ली। मोदी सरकार के आलोचक के रूप में जाने जाने वाले अर्थशास्त्री और नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन ने एक बार फिर से भाजपा सरकार पर बड़ा हमला बोलते हुए विपक्ष को एकजुट होने को कहा है। सेन ने कहा कि सभी गैर सांप्रदायिक ताकतों को 2019 में एकजुट होना चाहिए, यही नहीं वाम दलों को भी उनके साथ आने से पीछे नहीं हटना चाहिए क्योंकि लोकतंत्र खतरे में है।
भाजपा को मिला सिर्फ 31 फीसदी वोट
अमर्त्य सेन ने कहा कि हमे निश्चित रूप से निरंकुशता के खिलाफ एकजुट होकर इसका विरोध करना चाहिए, लोकतंत्र खतरे में है। उन्होंने कहा कि जब बात सांप्रदायिकता से लड़ने की आए तो तमाम अन्य मुद्दो को पीछे छोड़ एक साथ इसके खिलाफ आना चाहिए, यह देश के लिए सबसे बड़ा खतरा है। केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए सेन ने कहा कि 2014 में भाजपा को महज 31 फीसदी वोट मिले थे और वह गलत इरादों के साथ सत्ता में आई थी।
लोकतंत्र खतरे में
नोबेल पुरस्कार विजेता सेन ने यह बयान शिशिर मंच द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान दिया है। उन्होंने कहा कि देश का लोकतंत्र खतरे में है और इसे लोग अपनी कोशिशों से ही बचा सकते हैं। सेन ने कहा कि मैंने सुना है कि इस तरह की चर्चाएं है कि पश्चिम बंगाल में निरंकुशता को खत्म करने के लिए भाजपा एक मजबूत विकल्प है, जबकि सीपीआई मार्क्सवादी कमजोर है, यह किस तरह का तर्क है, हम अपनी ही जमीन पर ऐसा बीच बो रहे हैं जोकि काफी समय बाद जहर का पेड़ बनकर सामने आएगे, जिसे खत्म करने में खापी समय और संघर्ष लगेगा।
अर्थव्यवस्था नीचे गई
इससे पहले अमर्त्य सेन ने कहा था कि भारत ने सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था होने के बावजूद 2014 से गलत दिशा में लम्बी छलांग लगाई है। उन्होंने कहा कि पीछे जाने के कारण देश इस क्षेत्र में दूसरा सबसे खराब देश है। उन्होंने कहा था कि 2014 से सरकार ने गलत दिशा में छलांग लगाई है। सेन ने शिक्षा और स्वास्थ्य को लेकर सरकार के खिलाफ कड़ी आलोचना की थी। सेन ने कहा था कि हम तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था में पीछे की तरफ जा रहे हैं।
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