अमरनाथ यात्रा: 40,000 CRPF समेत CCTV, ड्रोन, बुलेट प्रूफ बंकर से भोले के भक्तों पर ऐसे होगी नजर
श्रीनगर। अमरनाथ यात्रा कल (28 जून) से शुरू हो रही है और जम्मू कश्मीर में चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम कर दिए गए हैं। आतंकी हमलों की आशंकाओं को देखते हुए राज्य को अब-तक की सबसे हाई सिक्योरिटी एरिया के रूप में बदल दिया है। सरकार ने इस बार सेना की गाड़ियों में इलेक्ट्रोमैग्नेटिक चिप्स लगाकर और पुलिस की बाइक व एसयूवी कारों को बुलेट प्रूफ कर दी है, जिससे की सुरक्षा में किसी भी प्रकार की चूक नहीं हो पाए। वहीं, राज्य में जगह-जगह पर बुलेट प्रूफ बंकर भी स्थापित किए गए हैं।
हर साल 2 लाख से ज्यादा श्रद्धालु अमरनाथ यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन करवाते हैं, जो कि हिमालय पर बसे बाबा बर्फानी तक पहुंचने के लिए 3,880 मीटर की ऊंचाई वाली घाटी का सफर पूरा करना होता है। जम्मू से पहलागांव और बल्टाल से होकर अमरनाथ यात्रियों को अपना सफर करना होता है, जिसके लिए इस बार 40,000 से ज्यादा सीआरपीएफ के जवान और राज्य पुलिस को तैनात किया गया है।
आतंकी हमलों से बचने और किसी भी तरह की अनहोनी तक तुरंत पहुंचने के लिए अमरनाथ की तरफ जाने वाले रास्तों को सीसीटीवी कैमरे और ड्रोन से निगरानी रखी जा रही है। सेना के सीनियर अधिकारी ने कहा कि प्रत्येक श्रद्धालुओं का वाहन इस यात्रा का हिस्सा है, इसलिए उन्हें आरएफआईडी (रेडियो फ्रिक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन) से जोड़ दिया गया है और जिन्हें मॉनिटर रूम से कंट्रोल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सुरक्षाकर्मियों को श्रद्धालुओं के वाहन पर पूरी निगरानी रखने के लिए खास जिम्मेदारी दी गई है।
सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इस क्षेत्र में अब तक की सबसे बड़ी सिक्योरिटी डिप्लॉमेंट है। बता दें कि पिछले अमरनाथ यात्रियों से भरे एक बस पर आतंकियों ने अटैक कर दिया था, जिसमें 8 श्रद्धालुओं की मौत हुई थी, इसी को देखते हुए श्रद्धालुओं के वाहनों को पहली बार आरएफआईडी से कनेक्ट किया गया है। वाहनों में लगे आरएफआईडी का फायदा यह होगा कि अगर उनके साथ कोई अनहोनी घटना भी हो जाए या वे रास्ता भी भटक जाए तो भी उन्हें आसानी से ट्रैक कर दिया जाएगा।