अमरिंदर सिंह ने यूं जीता कश्मीरियों का दिल
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने ईद के मौक़े पर पंजाब में पढ़ने के लिए आए कश्मीरी छात्रों के लिए दोपहर के खाने की व्यवस्था की.
अनुच्छेद 370 पर केंद्र सरकार के फ़ैसले के बाद से कश्मीरी छात्रों का अपने घरवालों से संपर्क करना मुश्किल हो रहा है.
बीते कुछ दिनों से इंटरनेट और फ़ोन संपर्क भी बंद रहा. इस वजह से कश्मीरी छात्र ईद के मौक़े पर घर भी नहीं पहुंच पाए.
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने ईद के मौक़े पर पंजाब में पढ़ने के लिए आए कश्मीरी छात्रों के लिए दोपहर के खाने की व्यवस्था की.
अनुच्छेद 370 पर केंद्र सरकार के फ़ैसले के बाद से कश्मीरी छात्रों का अपने घरवालों से संपर्क करना मुश्किल हो रहा है.
बीते कुछ दिनों से इंटरनेट और फ़ोन संपर्क भी बंद रहा. इस वजह से कश्मीरी छात्र ईद के मौक़े पर घर भी नहीं पहुंच पाए.
छात्रों के साथ बातचीत में कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा है, "हम आपके घरवालों की जगह तो नहीं ले सकते हैं लेकिन ये उम्मीद ज़रूर करते हैं कि आप हमें भी अपने परिवार की तरह देख सकते हैं. मैं पंजाब में आपकी सुरक्षा का आश्वासन देता हूं."
अमरिंदर सिंह ने ये भी कहा, "मैं कामकाज के चक्कर में लंबे समय से कश्मीर नहीं जा पाया हूं. लेकिन मैं कश्मीर को अपना दूसरा घर मानता हूं. मुझे विश्वास है कि घाटी में आपके परिवार भी सुरक्षित होंगे और जल्द ही आपकी उनसे मुलाक़ात होगी."
इस कार्यक्रम में शामिल हुए एक छात्र सलीम ने भी पंजाब को अपना दूसरा घर बताते हुए कहा कि उन्होंने कभी भी पंजाब में असुरक्षा का भाव महसूस नहीं किया.
वहीं, एक अन्य छात्रा ने कहा कि उनके घरवाले भी पंजाब को अपेक्षाकृत ज़्यादा सुरक्षित मानते हैं.
वो कहती हैं, "मेरे घरवालों ने एक बार साफ़ कहा कि अगर कभी असुरक्षित महसूस करें तो आप पंजाब जाएं. ये एक बहुत अच्छी बात है कि मैं भारत के दूसरे हिस्सों के मुक़ाबले यहां ज़्यादा सुरक्षित महसूस करती हूं. आपने इस मौक़े पर हमसे बातचीत की, हमारे विचार सुने. इसके लिए हम आपके बहुत आभारी हैं."
एक अन्य छात्र ने कहा, "मैं बीते चार दिनों से अपने हॉस्टल में रो रहा था. लेकिन सोमवार को जब पता चला कि सीएम सर हमसे मिलना चाहते हैं तो हमें समझ नहीं आया कि क्या करें. शायद आपको इसकी ज़रूरत नहीं थी. आप इसे दरकिनार कर सकते थे. लेकिन आपने ऐसा नहीं किया. आपने हमें बुलाया. हमसे बात की."
"ईद के मौके पर जब तक मां-बाप की डांट, भाई-बहन से लड़ाई और प्यार भरी नोकझोंक न हो तब तक कहां पेट भरता है. लेकिन इस बार आपने हमें यहां बुलाया. हमसे बात की. इतना प्यार दिया. इसके लिए हम आपके बहुत शुक्रगुज़ार हैं. हमारे पास शब्द नहीं हैं. सोचता हूं कि कश्मीर आपका क़र्ज़ कैसे उतारेगा? हमारे धर्म में रब के अलावा किसी के सामने झुकना ग़लत माना जाता है लेकिन मैं आपके सामने झुकता हूं."
इस मुलाक़ात के बाद कश्मीरी छात्रों ने कैप्टन अमरिंदर सिंह को उनका एक स्कैच गिफ़्ट किया.